जबलपुर। सरकार किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदने की योजना चलाती है, लेकिन जबलपुर में जालसाज़, किसानों के हक में डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जबलपुर में बीते एक माह के अंदर 17 हज़ार क्विंटल से ज्यादा ऐसी धान पकड़ी जा चुकी है, जिसे फर्जीवाड़े के ज़रिए समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचने की तैयारी थी। इसमें बड़ी तादात में धान ऐसी है जो उत्तरप्रदेश से लाई गई थी, जिसके अलावा जिला प्रशासन ने पुरानी और अमानक धान का स्टॉक भी पकड़ा है।
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सरकार को समर्थन मूल्य पर बाहरी, अमानक और पुरानी धान बेचने की ये साजिशें बताती हैं कि भले मध्यप्रदेश में हर साल रिकॉर्ड धान खरीदी हो रही है, लेकिन इसमें स्थानीय किसानों की बजाय बाहरी व्यापारियों की धान भी हो सकती है। जबलपुर में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर बाहरी और अमानक धान को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है । खुद कलेक्टर का मानना है कि इसके पीछे समर्थन मूल्य पर खरीदी में फर्जीवाड़े की आशंका थी।
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जबलपुर के उपनगरीय इलाके गोसलपुर, भेड़ाघाट और पनागर में बड़ी मात्रा में पुरानी और अमानक धान का स्टॉक भी पकड़ा गया है। इस मामले में जांच के आदेश देते हुए एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। आशंका है कि इसके पीछे किसी संगठित गिरोह का भी हाथ हो सकता है। फिलहाल जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि जिले में समर्थन मूल्य पर सिर्फ किसानों का ही धान खरीदने और गैर किसानों का धान ना बिकने देने का अभियान इसी तरह जारी रहेगा।