आंदोलन कर रहे किसानों के पीछे दूसरी ताकतें कर रही काम, जो उनका नहीं अपना हित देख रहीः मंत्री भारत सिंह कुशवाहा | Other forces are doing work behind the agitating farmers, who are not looking after their own interests: Minister Bharat Singh Kushwaha

आंदोलन कर रहे किसानों के पीछे दूसरी ताकतें कर रही काम, जो उनका नहीं अपना हित देख रहीः मंत्री भारत सिंह कुशवाहा

आंदोलन कर रहे किसानों के पीछे दूसरी ताकतें कर रही काम, जो उनका नहीं अपना हित देख रहीः मंत्री भारत सिंह कुशवाहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : January 23, 2021/10:38 am IST

ग्वालियरः मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले लगभग दो महीने से लगातार जारी है। ठंड और बेमौसम बरसात में भी किसानों का जत्था दिल्ली की सीमा पर डटा हुआ है। वहीं, दूसरी ओर किसानों की मांग और कृषि कानून को लेकर देशभर में जमकर सियासत हो रही है। जहां एक ओर सत्ता पक्ष भाजपा के नेता कृषि कानून को किसान हितैषी बताते हुए आंदोलनकारी किसानों को किसान मानने से इंकार कर दिया है। साथ ही यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों के पीछे राजनीतिक दल का हाथ है और उन्हें फंडिंग कर रही है। वहीं, दसूरी ओर विपक्ष लगातार किसानों के साथ कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहा है। इन सब के बीच मध्यप्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा का बड़ा बयान सामने आया है।

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उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि किसान आंदोलन में किसान नहीं, विपक्षी पार्टी राजनीति कर रही है, जिसके कारण किसानों के हित की बात नहीं हो पा रही है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है। किसानों को सरकार के हर तरह से ऑफर दिया है, लेकिन उन्हें मंजूर नहीं है।

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उन्होंने आगे कहा कि इन सब बातों से जाहिर होता है कि किसानों के पीछे दूसरी ताकतें काम कर रही है, जो किसानों का हित नहीं, अपना हित देख रही है। आंदोलन को चलवा रही हैं, फंडिंग कर रही है।

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ज्ञात हो कि कल भी सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानूनों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। कानूनों को 18 महीने तक टालने के अलावा इससे बेहतर विकल्प और कुछ नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से बेहतर प्रस्ताव दिया था, अगर किसानों के पास इससे अच्छा कोई प्रस्ताव है तो उसे लेकर आएं। सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया।

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