छत्तीसगढ़ में रोजाना सिर्फ 400 कोरोना सैंपल की जांच की अनुमति, कोरोना संकट के बीच टेस्ट किट का अभाव | Permission to examine only 400 corona samples daily in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रोजाना सिर्फ 400 कोरोना सैंपल की जांच की अनुमति, कोरोना संकट के बीच टेस्ट किट का अभाव

छत्तीसगढ़ में रोजाना सिर्फ 400 कोरोना सैंपल की जांच की अनुमति, कोरोना संकट के बीच टेस्ट किट का अभाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : April 9, 2020/4:42 pm IST

रायपुर: कोरोन संक्रमण मुक्ति की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़ को पिछले 12 घंटे के अंतर तगड़ा झटका लगा है। दरअसल यहां पिछले 12 घंटे के भीतर 8 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इसके बाद से प्रदेश सरकार की​ चिंता बढ़ गई है। वहीं, दूसरी ओर गुरुवार को IBC24 के डिबेट शो पंचयती में शामिल हुए टीएस सिंहदेव ने बड़ा खुलासा किया है। मंत्री सिंहदेव ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि प्रदेश में पर्याप्त पीपीई (Personal Protective Equipment) टेस्ट किट का आभाव है। छत्तीसगढ़ में रोजाना सिफ 4000 पीपीई टेस्ट किट की क्षमता है। लोगों की जांच की जा सकती है। आइए सुनते हैं मंत्री सिंहदेव ने हमारे सवालों का क्या क्या जवाब दिया…

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सवाल: कटघोरा इलाका से लगातार संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, सरकार की क्या तैयारी है, क्या पर्याप्त जांच किट है?
जवाब: जितनी जांच चल रही है, उतनी किट की पर्याप्त संख्या है। फिलहाल हजार से ज्यादा जांच किट है हमारे पास। 2500 जांच किट पुराना पद्धति का किट आज जा जाएगा। 13 अप्रैल को 5000 किट और आ जाएगा। 17 अप्रैल को 2500 जांच किट और आ जाएगा। इसके बाद प्रदेश में 10000 जांच किट आ जाएगा। जांच करने के लिए आज के समय में किट की कमी नहीं है। हम चहते हैं कि हमें रैपिड टेस्टिंग की अनुमति मिले। लेकिन केंद्र सरकार की अनुमति नहीं मिली है। अंतत: तत: हमको पत्र लिखना पड़ा। आखिर किट की खरीदी तो केंद्र सरकार के निर्देश पर ही खरीदा जाता है। जब तक केंद्र सरकार से लिखकर नहीं आता तब तक हम सामानों की खरीदी नहीं कर सकते। जांच करने के लिए आज के समय में किट की कमी नहीं है।

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सवाल: कटघोरा से मात्र 45 सेंपल भेजे गए हैं, क्या आपको नहीं लगता जांच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए
जवाल: हम भी यही चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार हमारी सुन ही नहीं रही है। 16 मार्च को हमने केंद्र को पत्र लिखा था, जिसके बाद 30 मार्च को जांच करने की अनुमति मिली। हमने हमने 1 अप्रैल को पत्र लिखा था, लेकिन जवाब 4 अप्रैल को आया। इसके बाद हमने टेंडर जारी किया। लेकिन संतोष की बात ये है कि अभी तक मामला सिमित है। वहीं, जितने भी घर हैं जांच की जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तब आगे बढ़ने की बात होगी। लेकिन कोई दिक्कत नहीं है कि जांच नहीं हो पाएगी। जांच की कमी नहीं है। कमी अगर है तो सिर्फ अनुमति की है। केंद्र सरकार से हमने रायपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच की अनुमति मांगी है, लेकिन हमें अभी तक अनुमति नहीं मिली है। वतर्मान में हमे एक दिन में 400 सैंपल टेस्ट करने की अनुमति है, उससे ज्यादा टेस्ट करने की अनुमति नहीं है। केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिली है। इस बात की जानकारी जनता को भी पता चलनी चलनी चाहिए।

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सवाल: बाहर से आए कुछ लोग अभी भी सामने नहीं आ रहे हैं, क्या इनके खिलाफ कार्रवई की जाएगी?
जवाब: आपको पता होगा कि जिस शख्स ने अपनी जानकारी छिपाई है, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। अंबिकापुर में ही कार्रवाई की गई है। बात उनके बताने की नहीं है, जो सूची आई है 194 लोगों का, उनमे से 7 लोगों का नाम सामने आया था, लेकिन वे छत्तीसगढ़ से बाहर थे। जितना जानकारी मिली है, उसीके आधार पर आगे बढ़ते-बढ़ते यहां पहुंचे हैं। दिल्ली से 9ं लोगों की सूची सामने आई थी, लेकिन जांच के दौरान 180 लोग मिले। ते ये आसान काम नहीं है।

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सवाल: छत्तीसगढ़ में कितने कोरोना जांच सेंटर हैं और मेकाहारा रायपुर को अनुमति क्यों नहीं मिल रही?
जवाब: मुख्यमंत्री ने खुद पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली है। उन्होंने कुछ खामियां गिनाई थी, जिसे दूर किया जा रहा है, शायद इसके बाद अनुमति मिल जाए। लेकिन इसके बाद भी अगर अनुमति नहीं दी जाती तो ये गंभीर लापरवाही होगी।

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सवाल: प्रदेश में पीपीई किट की मात्रा और गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं, ऐसा क्यों
जवाब: पीपीई किट के बारे में काम करते-करते मैं भी सीख रहा हूं। बात पीपीई किट की करें तो इसका कोई मानक नहीं रहता कि डिलीवरी के लिए अलग पीपीई कि तो ऑपरेशन के लिए अलग किट ऐसा कोई मानक तय नहीं है। अभी कोरोना के संदर्भ में जो पीपीई किट को लेकर मार्गदर्शन आया है, उसमें बताया गया कि किस प्रकार के पीपीई किट को मान्यता दिया जा रहा है। अभी तक पहले से काम में लाए गए पीपीई किट का इस्तेमाल किया जा रहा था। पीपीई किट का मतलब पर्सनन पोटेक्शन इक्यूपमेंट होता है। नया निर्देश के अनुसार अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग पीपीई किट का इस्तेमाल किया जाता है और कोरोना के लिए अलग पीपीई किट का मानक तय किया गया है। 24 मार्च को जो मार्गदर्शन भेजा गया है उसमें ​पीपीई किट का मानक तय किया गया है। वहीं, केंद्र सरकार ने राज्यों को यह भी कहा है कि अब केंद्र से ही पीपीई किट की सप्लाई की जाएगी।

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सवाल: क्या छत्तीसगढ़ में पीपीई किट की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है?
जवाब: फिलहाल तो प्रदेश में 4000-5000 पीपीई किट उपलब्ध है, लेकिन ये सिर्फ आज तक के लिए है। अगले दिन के लिए प्रदेश में पीपीई किट का आभाव है। इसी के चलते 2.5 लाख पीपीई किट खरीदने का टेंडर राज्य सरकार की ओर से जारी किया गया था। इसमें 75 हजार टेस्टिंग किट और 2.5 लाख पीपीई किट खरीदने का तय किया गया है। यह 8 से 10 दिन से आ जाएगा।

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सवाल: अब पीपीई किट का मानक केंद्र सरकार ने बदल दिया है, लेकिन सवाल यह है कि पुराने किट को इस्तेमाल करने वालों को संक्रमण का खतरा है?
जवाब: संक्रमण तो नहीं होना चाहिए। इसमें खतरा वहीं रहता है, जहां एरोसाउंड कहा जाता है। वेंटिलेटर में काम करने वालों को इसका खतरा ज्यादा है, क्योंकि ये हवा से फैलने वाला वायरस नहीं है। फिलहाल अभी तक प्रदेश तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है, जिसमें मरीज को वेंटिलेटर में रखा गया हो। लेकिन इस बात को हम मानते हैं कि बिल्कुल ऐसे लोगों को संक्रमण का खतर है। जैसे ही प्रदेश में रैपिड टेस्ट किट आता है हम सभी स्वास्थ्यक​र्मी और पुलिसकर्मियों की जांच करवाएंगे। मीडियाकर्मियों की जांच करवाई जाएगी वे भी लगातार इस लड़ाई में सरकार के साथ खड़े हैं।

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