दूध के दाम तय करने जनहित याचिका, आवश्यक वस्तु अधिनियम का दिया गया हवाला | Public interest litigation, fixing the price of milk, comes under the Essential Commodities Act.

दूध के दाम तय करने जनहित याचिका, आवश्यक वस्तु अधिनियम का दिया गया हवाला

दूध के दाम तय करने जनहित याचिका, आवश्यक वस्तु अधिनियम का दिया गया हवाला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : March 11, 2019/10:55 am IST

जबलपुर । संस्कारधानी में अनाप-शनाप रेट पर बिक रहे दूध के दाम तय करने के मांग करते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने कलेक्टर और राज्य सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया है । हाईकोर्ट ने प्रशासन से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में ये याचिका जबलपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर पीजी नाजपाण्डे की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जबलपुर हाईकोर्ट पहले ही अपने एक फैसले में यह साफ कर चुका है कि दूध, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आता है जिसके बढ़ते दामों को तय करने का हक राज्य सरकारों के पास है।

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जनहित याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट की गाईड लाईन पर साल 2016 में जबलपुर कलेक्टर ने दूध के दाम 44 रुपए प्रतिलीटर तय किए थे, लेकिन डेयरी व्यापारियों और राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद कलेक्टर का आदेश वापिस ले लिया गया था। याचिका में कहा गया है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने डेयरी व्यापारियों की याचिका खारिज कर दी है, जिसके चलते फिर से दूध के दाम तय किए जा सकते हैं। जबलपुर में जब दूध के दाम 50 से 55 रुपए लीटर हैं तो याचिका में दूध के दाम आवश्यक वस्तु अधनियम के तहत तय करके, दाम कम करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार और जबलपुर कलेक्टर से जवाब तलब किया है। मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद की जाएगी।

 
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