बोलते कंप्यूटर के सपने को साकार करेगी संस्कृत, केंद्रीय मंत्री ने नासा के बयान का दिया हवाला | ramesh pokhriyal nishank latest news, Sanskrit will fulfill the dream of speaking computer Union Minister cited NASA's statement

बोलते कंप्यूटर के सपने को साकार करेगी संस्कृत, केंद्रीय मंत्री ने नासा के बयान का दिया हवाला

बोलते कंप्यूटर के सपने को साकार करेगी संस्कृत, केंद्रीय मंत्री ने नासा के बयान का दिया हवाला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : August 11, 2019/8:23 am IST

मुंबई ।  IIT बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया कि अंतरिक्ष अभियानों में सबसे अग्रणी नासा ने इस बात को स्वीकार किया है कि भविष्य में बोलते हुए कंप्यूटर हकीकत बन जाएंगे। ऐसा संस्कृत भाषा की वजह से संभव हो पाएगा क्योंकि यह भाषा दुनिया की अकेली वैज्ञानिक भाषा है।

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मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (ramesh pokhriyal nishank latest news) ने आईआईटी छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘नासा के अनुसार निकट भविष्य में यदि बोलते हुए कंप्यूटर हकीकत बनते हैं तो यह केवल संस्कृत की वजह से संभव हो पाएगा। नासा यह इसलिए कह रही है क्योंकि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है। जिसमें शब्द उसी तरह लिखे गए हैं जैसे कि वह बोले जाते हैं।’

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मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह भी दावा किया है कि चरक ऋषि जिन्होंने आयुर्वेद में अहम योगदान दिया है, वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने परमाणु और अणुओं पर शोध किया था और उन्हें खोजा था। उन्होंने कहा, ‘किसने एटम और मॉलीक्यूल पर शोध किया है। चरक ऋषि पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एटम और मॉलीक्यूल पर शोध किया और उन्हें ढूंढा।’ मंत्री ने यह भी दावा किया कि प्राचीन काल के चिकित्सक सुश्रुत दुनिया के पहले चिकित्सक थे।

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मानव विकास मंत्री निशंक ने कहा कि नासा की तरफ से एक बयान आया है कि वो आने वाले समय अगर बातचीत करने वाले कंप्यूटर का विकास हुआ तो वो केवल संस्कृत भाषा की वजह से संभव हो सकेगा। नासा के इस तरह के बयान के पीछे की ठोस वजह भी है। संस्कृत भाषा एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को जिस तरह से बोला जाता है ठीक वैसे ही लिखा भी जाता है। उन्होंने कहा कि अगर आप भारतीय ज्ञान- विज्ञान को देखें तो ऐसे कई शोध हैं जिसका उपयोग आज किया जा रहा है। वो न सिर्फ प्रामाणिक हैं बल्कि आम लोगों के लिए लाभदायक भी है।

 
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