रायपुर । एग्जाम के इस दौर में पब्जी गेम को लेकर अभिभावक काफी परेशान हैं। अभिभावक अपनी शिकायतें लेकर साइबर एक्सपर्ट्स के पास भी जा रहे हैं । पब्जी गेम में डूबे रहने के चलते बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं । माता -पिता की ये परेशानी हे कि घर पर वो तो वो बच्चों पर निगाह रखते हैं और उन्हें गेम खेलने से रोकते हैं, लेकिन घर से बाहर निकलते ही बच्चे फिर पब्जी गेम में रम जाते हैं। पालकों को अब ये चिंता सता रही है कि बच्चों से पब्जी गेम की आदत कैसे छुड़ाई जाए। वही दूसरी ओर गेम के साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे हैं। गेम हारने पर बच्चे अपशब्दों का खुलकर इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि अभिभावकों ने अब इस गेम को बैन करने की मांग की है।
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ब्राजील में हुए एक सर्वे में ये बात सच साबित हुई है कि इस गेम से बच्चों के मन पर विपरीत प्रभाव पड़ रह है। इंडिया में इस गेम को लॉच हुए 8 महीने ही हुए हैं और इसका बुरा प्रभाव देखने को मिलने लगा है। साइबर एक्सपर्ट की माने तो हिंदुस्तान एक युवा देश है और युवाओं को आगे बढ़ने से रोकने के लिए दूसरे देशों की ये सोची समझी साजिश भी हो सकती है। साइबर एक्सपर्ट कि सलाह है कि No Root Fire Wall एक एप्लीकेशन के जरिए इस गेम को हाइड किया जा सकता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते दिनों छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए पब्जी गेम को लेकर आ रही शिकायतों का जिक्र किया था । बता दें कि पब्जी गेम से परेशान अभिभावक बोर्ड एग्जाम के लिए जारी किए हेल्पलाइन नम्बर में फोन कर मदद मांग रहे । इस मामले में सीबीएसई काउंसलर का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि अभिभावक किसी गेम को लेकर परेशान हो रहे हैं। पब्जी गेम को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तरप्रदेश से आ रही हैं । इस गेम का खौफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा वही कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार पब्जी गेम का साइड इफेक्ट परीक्षा के नतीजों पर भी दिखाई देगा ।