नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पटाखे बैन करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की । सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लोग पटाखा उद्योग के पीछे क्यों पड़े हैं जबकि ऐसा लगता है कि इसके लिए वाहन प्रदूषण कहीं अधिक बड़ा स्रोत हैं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि उसने पटाखों और आटोमोबाइल से होने वाले प्रदूषण के बीच क्या कोई आनुपातिक अध्ययन कराया है।
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव, पुलिस हाई अलर्ट मोड में, चेकपोस्ट पर अधिकारी तैनात
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने केन्द्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से जानना चाहा, क्या पटाखों से होने वाले प्रदूषण और आटोमोबाइल से होने वाले प्रदूषण के बारे में कोई तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। उच्चतम न्यायलय की डबल बेंच ने टिप्पणी की कि पटाखा उद्योग में कार्यरत लोगों का रोजगार चला जाएगा जबकि न्यायालय बेरोजगारी बढ़ाना नहीं चाहता है।
ये भी पढ़ें- राजनीति की पिच पर पैर जमाएंगे गंभीर, ये पार्टी दे सकती है नई दिल्ली…
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से सवाल किया कि आप पटाखों के पीछे भाग रहे हैं जबकि इससे कहीं अधिक प्रदूषण में योगदान करने वाले शायद वाहन हैं। पीठ ने देश भर में पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दलील दी गयी है कि इनकी वजह से प्रदूषण में वृद्धि होती है। कोर्ट के सवाल से कुछ लोगों कोराहत मिली होगी,दरअसल पिछले काफी समय से सोशल मीडिया पर ये बात उठाई जाती रही है कि हिंदु त्यौहारों से जुड़ी मान्यताओं में कोर्ट की दखलंदाजी बढ़ रही है। ऐसे में शीर्ष कोर्ट की इस टिप्पणी से पटाखा उद्योग के साथ ही आपत्तिकर्ताओं को भी तसल्ली मिली होगी।
उप्र : गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर दोपहर एक बजे…
18 mins agoखबर ईवीएम न्यायालय मेघवाल
26 mins ago