तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर कानपुर से उज्जैन तक ऐसे पहुंचा विकास दुबे, उज्जैन में रिश्तेदार के यहां काटी रात | Vikas Dubey Confession Reached Jhalawar Via Car And Took Bus To Ujjain Mahakal

तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर कानपुर से उज्जैन तक ऐसे पहुंचा विकास दुबे, उज्जैन में रिश्तेदार के यहां काटी रात

तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर कानपुर से उज्जैन तक ऐसे पहुंचा विकास दुबे, उज्जैन में रिश्तेदार के यहां काटी रात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : July 11, 2020/12:43 pm IST

कानपुर: सीओ सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने के बाद गैंगस्टर को लेकर कई अहम खुलासे हो रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद विकास से हुई पूछताछ में पुलिस के हाथ कई अहम जानकारी लगी है। इस दौरान विकास ने पुलिस को यह भी बताया कि वह कैसे कानपुर से उज्जैन पहुंचा। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गैंगस्टर विकास दुबे तीन राज्यों की पुलिस को शातिराना तरीके से चकमा देकर उज्जैन पहुंचा था।

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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे फरारा हो गया और वह फरीदाबाद के एक होटल में छिप गया। लेकिन जैसे ही पुलिस के रेड की सूचना मिली वहां से फरार हो गया। इसके बाद विकास कार किराए पर लेकर दिल्ली की सीमा को पार कर राजस्थान आ पहुंचा। राजस्थान में छिपते-छिपते झालावाड़ पहुंचा। झालावाड़ से विकास दुबे बस पकड़कर उज्जैन पहुंचा। पुलिस का यह भी कहना है कि विकास के साथ दो और साथी भी थे, लेकिन वे बाद में गायब हो गए। विकास ने पुलिस को अपने साथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस ने बताया कि उज्जैन पहुंचने के बाद विकास ने रात एक रिश्तेदार के यहां पहुंचा और रात गुजारी।

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उज्जैन में रामघाट पर किया स्नान
विकास दुबे तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर उज्जैन पहुंच चुका था, लेकिन यूपी पुलिस अब भी गैंगस्टर को उत्तर प्रदेश और नेपाल के इलाकों में तलाश रही थी। उज्जैन में गिरफ्तारी से पहले उसने ऑटो में बैठकर उज्जैन शहर का चक्कर काटा। बंटी नाम के एक ऑटोवाले को साथ करीब दो घंटे तक वो शहर घूमा। इसके बाद उसने शिप्रा नदी के राम घाट पर स्नान किया। इसके बाद वो यहां से महाकाल मंदिर पहुंचा, जहां उसने 250 रुपए की पर्ची कटाई। जब वो मंदिर पहुंचा उस वक्त सुबह के करीब पौने नौ बज रहे थे।

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महाकाल मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को उसे देख संदेह हुआ। पहले पूछताछ में उसने अपना नाम शुभम बताया। जब उसके पहचान पत्र की जांच की गई तो उसपर दूसरा नाम था। जब सख्ती की गई तो उसने अपना असली नाम बताया। पहचान हो जाने के बाद उसे पास के महाकाल थाने ले जाया गया और कानपुर पुलिस को इसकी जानकारी दी गई।

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