गर्मी शुरू होने से पहले गहराया जल संकट, इस जिले को प्रशासन ने घोषित किया जल अभावग्रस्त क्षेत्र | Water crisis deepens before summer starts, administration declares this district as water scarcity area

गर्मी शुरू होने से पहले गहराया जल संकट, इस जिले को प्रशासन ने घोषित किया जल अभावग्रस्त क्षेत्र

गर्मी शुरू होने से पहले गहराया जल संकट, इस जिले को प्रशासन ने घोषित किया जल अभावग्रस्त क्षेत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : March 6, 2021/10:37 am IST

छिंदवाड़ा: कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा 3 के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले को तत्काल प्रभाव से 15 जून 2021 या वर्षा प्रारंभ होने तक की अवधि के लिये जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूध्द मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

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कलेक्टर सुमन द्वारा जारी आदेश के प्रावधानों के अनुसार छिन्दवाड़ा जिले के सभी नदी नालों, स्टाप डेम, सार्वजनिक कुओं और अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग केवल पेयजल एवं घरेलू प्रयोजन के लिये तत्काल प्रभाव से सुरक्षित कर दिया गया है। प्रतिबंधात्मक अवधि में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” में किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी प्रयोजनों के लिये किन्ही भी साधनों द्वारा जल उपयोग नहीं करेगा। छिन्दवाड़ा जिले के “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राइवेट ठेकेदार राजस्व अनुविभागीय अधिकारी की पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नहीं करेगा। जिन व्यक्तियों को अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य कराना है, उन्हें ऐसा करने के लिये निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित राजस्व अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन करना होगा।

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शासकीय नलकूप से 150 मीटर के दायरे के अंतर्गत किसी नवीन नलकूप का खनन पूर्णत: प्रतिबंधित है। निजी नलकूप खनन की गहराई खनित शासकीय नलकूप से कम रहेगी। इस कार्य के लिये छिन्दवाड़ा जिले में “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” के राजस्व अनुविभागीय अधिकारी को उनके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत प्राधिकृत किया गया है। राजस्व अनुविभागीय अधिकारी अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण करने और अनुमति दिये जाने के संबंध में संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी से अभिमत/अनुसंशा प्राप्त करेंगे।

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कलेक्टर सुमन ने बताया कि जल अभावग्रस्त क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सूख जाने के कारण वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं होने पर जनहित में संबंधित राजस्व अनुविभागीय अधिकारी उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोत को “पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 2002” के सेक्शन 4 (ए) तथा 4 (बी) के प्रावधानों के अधीन निश्चित अवधि तक अधिग्रहण कर सकेंगे। इस आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, थाना प्रभारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सभी फील्ड स्तर के सभी अधिकारी/कर्मचारी, नगर निगम आयुक्त, सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारी, सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।

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