अनुकंपा नियुक्ति पाने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी ने SECL कर्मचारी पति का उतारा मौत के घाट, तीन माह बाद ऐसे हुआ खुलासा | Wife along with her two friends get compassionate appointment, SECL employee husband kills her

अनुकंपा नियुक्ति पाने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी ने SECL कर्मचारी पति का उतारा मौत के घाट, तीन माह बाद ऐसे हुआ खुलासा

अनुकंपा नियुक्ति पाने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी ने SECL कर्मचारी पति का उतारा मौत के घाट, तीन माह बाद ऐसे हुआ खुलासा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : June 29, 2020/6:34 pm IST

सूरजपुर: जिले के भाठागांव इलाके में तीन महीने पहले मिली एसईसीएल कर्मचारी की लाश के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी और उसके एक दोस्त को गिरफ्तार किया र्है। बताया जा रहा है कि महिला और उसके दो दोस्तों ने मिलकर सरकारी नौकरी और पैसों के लालच में एसईसीएल कर्मचारी की हत्या कर दी थी। फिलहाल पुलिस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी की तलाश कर रही है।

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दरअसल 27 मार्च को एसईसीएल भटगांव में काम करने वाले बाबूलाल का शव बंशीपुर जंगल के समीप मिला था। बताया गया कि तीन दिन बाद ही मृतक बाबूलाल रिटायर होने वाला था। ऐसे में बाबुलाल की मौत से क्षेत्र मे सनसनी फैल गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस को बाबुलाल के शव पर किसी भी प्रकार का चोट नहीं मिले थे। इस आधार पर पुलिस को शुरु से ही मामला संदिग्ध लग रहा था। वहीं पीएम रिपोर्ट आने के बाद बाबूलाल की हत्या गला दबाकर किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद शुरु हुआ पुलिस के लिए मामले को सुलझाने की चुनौती।

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गौरतलब है कि जहां एक ओर अंधे कत्ल की चुनौती थी तो वहीं पुलिस के पास कोई भी सुराग नहीं था। ऐसे में पुलिस को मृतक की पत्नी पर शक हुआ। पूछताछ के दौरान कड़ाई से पूछे जाने पर आरोपी पत्नी ने सारे राज उगल दिए। बताया गया कि आरोपी पत्नी मृतक की तीसरी पत्नी थी और वह बाबूलाल के उम्र से बीस साल छोटी थी।

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आरोपी पत्नी ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दो साथी पिंटू मिश्रा और सीताराम यादव के साथ मिलकर बाबूलाल की हत्या की पहले कई बार साजिश बना चुके थे। लेकिन मौका नहीं मिल पाया और प्लान फेल हो गया। इसी दौरान 27 मार्च को आरोपी पत्नी के इशारे पर पिंटू मिश्रा अपने साथी सीताराम के साथ मृतक बाबुलाल को अपने साथ ताश खेलने के लिए ले गए। दोनों ने सूनसान जगह देखकर बाबूलल का गला दबाकर हत्या कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद लाश को जंगल के पास सड़क किनारे छोङ़ दिया। आरोपी पूरे मामले को प्राकृतिक मौत का रुप देना चाहते थे। वहीं आरोपी पत्नी की लालसा थी कि मृतक के रिटायरमेंट से पहले मौत हो जाने से उसे अनुकंपा नियुक्ति मिल जाएगी और बाबूलाल की मौत के बाद मिलने वाले पैसे तीनों आपस में बांट लेंगे। लेकिन आरोपियों के प्लान के मुताबिक सब कुछ हो पाता, इससे पहले सच से पर्दा उठ गया।

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