Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज पर इन तरीकों से करें भगवान विष्णु की पूजा, हर इच्छा होगी पूरी, यहां जानें विधि और तिथि
Hariyali Teej 2023: कई जगह पर हरियाली तीज कजली तीज के नाम से भी मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा होती है।
Hariyali Teej 2023
नई दिल्ली : Hariyali Teej 2023: पंचांग की मानें तो सावन महीने के शुल्क पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त 2023 को रात 08:01 पर आरंभ होगी। इस तिथि का समापन 19 अगस्त 2023 को रात 10:19 पर होगा। कई जगह पर हरियाली तीज कजली तीज के नाम से भी मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस खास दिन पर व्रत व पर्व दोनों ही रूपों में प्रसिद्ध है। हरियाली तीज के सुबह का मुहूर्त 07.47 से सुबह 09.22 तक है। दोपहर के मुहूर्त की बात करें तो यह दोपहर 12.32 से दोपहर 02.07 तक है। अगर शाम के मुहूर्त की बात करें तो यह शाम 06.52 से रात 07.15 तक है। साथ ही रात का मुहूर्त प्रात: 12.10 से प्रात: 12.55 तक है।
हरियाली तीज पर करें इस मंत्र का जाप
Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस पर्व पर कोई महिला व्रत रखती है तो पूजा करते समय ॐ विष्णवे नमः और ॐ नमो नारायणाय इन दोनों मंत्र का जाप करें। अगर कोई ऐसा करता है तो भगवान विष्णु काफी प्रसन्न हो जाते है। विद्वान सदाचारी ब्राह्मण को ब्राह्मणी सहित भोजन करा कर दक्षिणा, द्रव्य एवं वस्त्राभूषणादि के साथ विदा करें।
अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है पर्व
Hariyali Teej 2023: भगवान विष्णु की पूजा कर लोग इस पर्व को बड़े ही धूमधाम के साथ मानते है। हर जगह अलग तरीके से पूजा होती है। झांसी, मोबा और बुंदेलखंड में इस पर्व को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा दतिया, चारखारी, ओरछा का तीज पर्व भगावन कृष्ण के रूप में मनाया जाता है। पर्वांचल की बात करें तो जौनपुर और बनारस में इस पर्व क कजली तीज के रूप में मनाते हैं।
विवाहित नवयुवतियां पिझर में मनाती है तीज
Hariyali Teej 2023: प्रायः विवाहित नवयुवतियां श्रावणी तीज अपने पीहर में मनाती हैं। इस पवित्र दिन सुंदर से सुंदर विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर बेटियों को भेजे जाते है। सुहागी सास के पांव छूकर उसे दिया जाता है। यदि सास न हो तो जेठानी या किसी वयोवृद्धा को देना शुभ होता है। हरियारी तीज पर महिलाएं महेंदी लगाती है यह बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन जयपुर में राजपूत लाल रंग के कपड़े पहनते हैं और श्री पार्वतीजी की सवारी बड़ी धूम-धाम से निकाली जाती है।

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