कांग्रेस के घोषणापत्र पर आदित्यनाथ के कटाक्ष के बाद खेड़ा ने भाजपा को चंदे पर घेरा |

कांग्रेस के घोषणापत्र पर आदित्यनाथ के कटाक्ष के बाद खेड़ा ने भाजपा को चंदे पर घेरा

कांग्रेस के घोषणापत्र पर आदित्यनाथ के कटाक्ष के बाद खेड़ा ने भाजपा को चंदे पर घेरा

:   Modified Date:  May 4, 2024 / 10:49 PM IST, Published Date : May 4, 2024/10:49 pm IST

भोपाल, चार मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘गोमांस सेवन’ और ‘गोहत्या’ को कांग्रेस के घोषणापत्र से जोड़ने वाले बयान पर विपक्षी दल ने शनिवार को पलटवार किया और सवाल किया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने गोमांस निर्यातक कंपनियों से 250 करोड़ रुपये का चंदा क्यों लिया।

आदित्यनाथ ने दिन में गुना लोकसभा सीट के अशोक नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद के अनुसार खाने और पीने की पूरी आजादी देना चाहती है। उन्होंने फिर इसे गोहत्या और गौ मांस की खपत से जोड़ दिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘क्या अल्पसंख्यकों की खान-पान की आदतें बहुसंख्यक (समुदाय) से अलग हैं? सामान्य खान-पान की आदतें वही हैं लेकिन समाज का बहुसंख्यक हिस्सा गोमांस नहीं खाता और गोहत्या का विरोध करता है। अब कांग्रेस इतनी नीचे गिर गई है कि वह गोहत्या का समर्थन करेगी।”

इसके जवाब में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ”वे (भाजपा) बीफ (निर्यातकों) से चंदा क्यों लेते हैं। हमने (घोषणा पत्र में) कहीं भी इसका (बीफ) जिक्र नहीं किया है। किस पार्टी ने बीफ कंपनियों से 250 करोड़ रुपये का चंदा लिया है ।’

खेड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में यह भी प्रश्न किया कि भाजपा ने किरण रिजिजू को केंद्र सरकार में क्यों बरकरार रखा है जबकि उनका कहना है कि वह गोमांस खाते हैं।

रिजिजू ने अतीत में कई मौकों पर कहा है कि वह गोमांस नहीं खाते हैं और लोगों की खान-पान की आदतों पर उन्होंने जो बयान दिया था उसे ‘तोड़-मरोड़’ के पेश किया गया।

आदित्यनाथ ने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘जजिया’ (मध्यकालीन भारत में गैर-मुसलमानों पर लगाया जाने वाला कर) की बात की गई है और उन्होंने दस्तावेज़ की तुलना ‘मुगल सम्राट औरंगजेब के क्रूर शासन’ से की। इस पर खेड़ा ने कहा, ”इन चुनावों में जिस तरह की बकवास चल रही है, हमने पहले कभी नहीं सुनी।”

खेड़ा ने सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जजिया, औरंगजेब उनके दिमाग में गहराई में बसे हुए हैं। औरंगजेब चला गया, वह समय बीत चुका है। वे देश को उस समय तक क्यों ले जाना चाहते हैं।’

भाषा दिमो शोभना

शोभना

 

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