भोपाल, 19 मई (भाषा) मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक बाघ द्वारा एक व्यक्ति को मार डाले जाने के बाद उसे पकड़ने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं और इस बीच वन विभाग ने उसकी गतिविधि पर नजर रखने के लिए 50 और कैमरा ट्रैप लगाने की घोषणा की है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
वन अधिकारियों ने पहले ही भोपाल जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर रायसेन वन प्रभाग में 100 ऐसे कैमरे लगा दिये हैं, जहां पांच दिन पहले बाघ ने 62-वर्षीय एक ग्रामीण को मार डाला था।
‘कैमरा ट्रैप’ का उपयोग लोगों की प्रत्यक्ष मौजूदगी के बिना वन्यजीवों के प्राकृतिक पर्यावास में उनकी और अन्य वस्तुओं की छवियों की निगरानी या ‘कैप्चर’ करने के लिए किया जाता है।
रायसेन संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) विजय कुमार ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘छत्तीस गांवों के करीब वन क्षेत्र में बाघ की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए हम कल (सोमवार) 50 और कैमरे लगाएंगे, जिसके लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।’
वन अधिकारियों के अनुसार, बाघ रायसेन के ओबैदुल्लागंज वन प्रभाग में रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से बाहर आया होगा। रातापानी में 60 से अधिक बाघ हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ल्डवाइड फंड फॉर नेचर’ (डब्ल्यूडब्ल्यूएफएन) द्वारा प्रदत्त नए कैमरों के साथ क्षेत्र में ट्रैप कैमरों की संख्या बढ़कर 150 हो जाएगी।
डीएफओ ने कहा, ‘‘इसके अलावा, हमने बाघ को पकड़ने के लिए चारे के साथ तीन पिंजरे भी लगाए हैं। बाघ को लुभाने के लिए पेड़ से बंधी भैंस के साथ एक खुला जाल भी लगाया गया है।”
उन्होंने कहा कि अभी बाघ को पकड़ना मुश्किल है, क्योंकि वह घूम रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगले दो से तीन दिनों में बाघ शिकार कर सकता है। आमतौर पर बाघ सप्ताह में एक बार शिकार करता है। अपने शिकार को मारने के बाद वह बीच-बीच में मांस खाने के लिए कुछ देर तक उसके आसपास भटकता रहता है। हम उस दौरान इसे पकड़ने की कोशिश करेंगे।’’
पिछले साल बाघों की गणना के बाद जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, भारत में सबसे अधिक 785 बाघ मध्य प्रदेश में हैं।
भाषा सुरेश नरेश
नरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)