विवादास्पद गोल की जांच की मांग के साथ एआईएफएफ ने कहा, अन्याय का समाधान निकालें |

विवादास्पद गोल की जांच की मांग के साथ एआईएफएफ ने कहा, अन्याय का समाधान निकालें

विवादास्पद गोल की जांच की मांग के साथ एआईएफएफ ने कहा, अन्याय का समाधान निकालें

:   Modified Date:  June 12, 2024 / 04:22 PM IST, Published Date : June 12, 2024/4:22 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने बुधवार को कहा कि महासंघ ने दोहा में विश्व कप क्वालीफाइंग मैच में कतर को दिए गए विवादास्पद गोल की जांच की मांग की है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस अन्याय का समाधान निकालने का आग्रह किया।

एआईएफएफ प्रमुख ने कहा कि भारत ने गोल की विस्तृत जांच की मांग की है। मंगलवार को जस्सिम बिन हमाद स्टेडियम में करो या मरो के मुकाबले में भारत की 1-2 की हार के दौरान दक्षिण कोरिया के रैफरी किम वू सुंग ने गोल को स्वीकृति दी थी जबकि इससे पहले ही गेंद खेल के मैदान से बाहर जा चुकी थी।

चौबे ने एक बयान में कहा, ‘‘जीत और हार खेल का हिस्सा हैं, हमने इसे विनम्रता से स्वीकार करना सीख लिया है, हालांकि कल रात भारत के खिलाफ किए गए दो गोल में से एक ने कुछ सवाल छोड़े हैं जिनका जवाब नहीं मिला है।’’

इस गोल पर काफी विवाद हुआ क्योंकि इसने 2026 के टूर्नामेंट के लिए भारत को पहली बार फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में प्रवेश से वंचित कर दिया।

चौबे ने कहा,‘‘हमने फीफा क्वालीफायर के प्रमुख, एएफसी रैफरी के प्रमुख और मैच आयुक्त को रैफरी की गंभीर त्रुटि के बारे में लिखा है जिसके कारण हमें फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में जगह नहीं मिल पाई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी गंभीरता को देखते हुए, हम संबंधित अधिकारियों से गहन जांच की मांग करते हैं। हमने उनसे अन्याय को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति की संभावनाओं का पता लगाने का आग्रह किया है और हमें विश्वास है कि फीफा और एएफसी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’

ईरान के हामेद मोमेनी इस मुकाबले के मैच आयुक्त थे। मैच आयुक्त की भूमिका मैच के आयोजन की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना होती है कि मुकाबले के दौरान फीफा के नियमों का पालन किया जाएगा।

मैच के 73वें मिनट में अब्दुल्लाह अलाहरक की फ्री किक पर यूसेफ आयमेन ने हेडर लगाने का प्रयास किया जिसे भारतीय कप्तान और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने रोक दिया।

गुरप्रीत हालांकि मैदान पर गिर गए और इस दौरान गेंद खेल के मैदान से बाहर चली गई। हाशमी हुसैन किक मारकर गेंद को दोबारा खेल के मैदान में ले आए और आयमेन ने गोल कर दिया।

गेंद के खेल के मैदान से बाहर जाने के कारण खेल रोका जाना चाहिए था और कतर को कॉर्नर किक मिलनी चाहिए थी क्योंकि गुरप्रीत गेंद के बाहर जाने से पहले उससे संपर्क करने वाले आखिरी खिलाड़ी थे।

भारतीय खिलाड़ी हालांकि उस समय हताश हो गए जब रैफरी ने कतर को गोल दे दिया और मेहमान टीम के कड़े विरोध के बावजूद मैदानी अधिकारी अपने फैसले पर बरकरार रहा।

नियम के अनुसार अगर गेंद ‘गोल लाइन या टचलाइन’ से मैदान पर या हवा में पूरी तरह से बाहर निकल जाती है तो उसे खेल से बाहर माना जाएगा।

भारत के कोच इगोर स्टिमक ने बाद में निराशा जताते हुए कहा कि इस गोल ने उनकी टीम के सपने को खत्म कर दिया।

गुरप्रीत ने भी इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण नतीजा’ करार दिया।

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)