गोरखपुर (उप्र), 14 जून (भाषा) कुवैत में हुए दुखद अग्निकांड में अपने पति अंगद गुप्ता को खोने वाली रीता गुप्ता के आंसू लगभग सूख चुके हैं और अब वह अपने पति की तस्वीर सीने से लगाये उनके पार्थिव शरीर के गोरखपुर आने का इंतजार कर रही हैं।
अग्निकांड से बमुश्किल एक दिन पहले रीता ने मंगलवार को अंगद से बात की थी। जटेपुर उत्तर निवासी अंगद गुप्ता (46) और गोरखपुर के भमौर गांव निवासी जयराम गुप्ता (40) उन 45 भारतीयों में शामिल हैं, जिन्होंने कुवैत अग्निकांड में अपनी जान गंवाई।
अंगद की पत्नी रीता ने मंगलवार को उनके साथ हुई अपनी आखिरी बातचीत को याद किया। बुधवार को जब कुवैत में आग लगने की खबर दुनिया भर में फैली तो वह चिंतित हो गईं और उन्होंने अंगद से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन नहीं लग रहा था। इस अग्निकांड में कई लोगों की जान चली गई।
अंगद ने 15 दिन पहले ही एक मॉल में नई नौकरी शुरू की थी और बताया था कि उन्होंने एक साल का अनुबंध किया है, जिसका मतलब है कि वह एक साल बाद ही घर लौटेंगे, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। अब उनका केवल शव वापस आएगा।
अधिकारियों ने बताया कि अंगद गुप्ता का शव तीन दिनों के भीतर गोरखपुर पहुंच जाएगा।
वह पिछले वर्ष नवम्बर में घर आये थे। अंगद पिछले आठ साल से कुवैत में रह रहे थे। अंगद के छोटे भाई पंकज ने बताया कि वह (पंकज) और उनकी भाभी (रीता) अलग-अलग रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दाह संस्कार के बाद, उनके परिवार के सदस्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अंगद की बड़ी बेटी अंशिका के लिए नौकरी का अनुरोध करेंगे, क्योंकि अंगद परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था।
अंगद की बेटी अंशिका ने उम्मीद जताई कि सरकार उसकी और उसके परिवार की मदद करेगी।
अंगद की पत्नी रीता ने बताया कि उनकी बेटी अच्छी पढ़ी-लिखी है और कई परीक्षाओं में शामिल हो चुकी है। उन्होंने सरकार से अपनी बेटी को नौकरी देने की अपील की।
अंगद की भाभी पूनम गुप्ता ने कहा, ‘अंगद अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके पिता का भी निधन हो गया है। अब बच्चों का भरण-पोषण कौन करेगा? अंगद की बेटी पढ़ी-लिखी है। हम योगी जी से अनुरोध करते हैं कि उसे (बेटी को) नौकरी दिलाएं, ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके।’
अंगद गुप्ता के परिवार में उनकी पत्नी रीता देवी और उनके तीन बच्चे हैं। रीता ने विलाप करते हुए कहा, ‘‘अब हमारा भरण-पोषण कौन करेगा?’ अंगद के पिता का निधन हो चुका है और उनकी मां अपने बड़े भाई के साथ रहती हैं। अंगद के पिता कोयला खदान में काम करते थे, जिनकी 2016 में मौत हो गई थी।
गोरखपुर के भमौर गांव निवासी जयराम गुप्ता दिसंबर 2023 में कुवैत गए थे। उनकी पत्नी सुनीता कपड़े की दुकान चलाती हैं। उनका बेटा अर्नव 14 साल का और बेटी श्रेया नौ साल की है।
प्रशासन ने बृहस्पतिवार शाम को उनकी पत्नी को हादसे की जानकारी दी। सुनीता ने जब जयराम के साथियों से संपर्क किया, तो उन्होंने घटना की पूरी जानकारी दी। परिवार अब इस बात को लेकर चिंतित है कि उनके परिवार का खर्च कैसे चलेगा।
कुवैत में बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग में मरने वाले 42 भारतीयों में से तीन की पहचान उत्तर प्रदेश के निवासी के रूप में हुई है।
प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय से बृहस्पतिवार रात मिली जानकारी के मुताबिक, कुवैत में हुई घटना में मरने वालों में उत्तर प्रदेश के प्रवीण माधव सिंह (वाराणसी) तथा जयराम गुप्ता और अंगद गुप्ता (दोनों गोरखपुर) शामिल हैं।
इस बीच, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस जानकारी के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के आला अधिकारी विदेश मंत्रालय और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं।
प्रवक्ता के मुताबिक, घटना में घायल लोगों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
मालूम हो कि मंगाफ शहर में बुधवार की सुबह एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने से 42 भारतीयों समेत कुल 49 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्द्धन सिंह को कुवैत भेजा था।
मृतकों में से अधिकांश केरल और तमिलनाडु के निवासी हैं।
भाषा सं जफर सुरेश
सुरेश
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