फलों और सब्जियों का 'इंद्रधनुष खाने' की सलाह : प्रत्येक रंग का शरीर पर क्या होता है असर |

फलों और सब्जियों का ‘इंद्रधनुष खाने’ की सलाह : प्रत्येक रंग का शरीर पर क्या होता है असर

फलों और सब्जियों का 'इंद्रधनुष खाने' की सलाह : प्रत्येक रंग का शरीर पर क्या होता है असर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : November 25, 2022/4:44 pm IST

(इवांगेलिन मंत्ज़ियोरिस, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय) एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), 25 नवंबर (द कन्वरसेशन) पोषण विशेषज्ञ आपको विभिन्न रंगों के फल और सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। रंगों का यह इंद्रधनुषी खाना सिर्फ इसलिए अच्छा नहीं है क्योंकि यह थाली में अच्छा दिखता है। प्रत्येक रंग हमारे शरीर को अलग तरह के आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को मोटे तौर पर फाइटोन्यूट्रिएंट्स कहा जाता है। कम से कम 5,000 ज्ञात फाइटोन्यूट्रिएंट्स हैं, और दरअसल इससे भी ज्यादा।

तो प्रत्येक रंग हमारे शरीर और हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए क्या करता है?

लाल

लाल फल और सब्जियां एक प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट से रंगी होती हैं जिन्हें ‘कैरोटेनॉयड्स’ कहा जाता है (जिसमें लाइकोपीन, फ्लेवोन और क्वेरसेटिन शामिल हैं – लेकिन नाम उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना उनका काम है)।

ये कैरोटीनॉयड टमाटर, सेब, चेरी, तरबूज, लाल अंगूर, स्ट्रॉबेरी और शिमला मिर्च में पाए जाते हैं।

इन कैरोटेनॉयड्स को एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है। यह नाम आपने पहले भी सुना होगा, लेकिन शायद आपको इसका मतलब याद न हो। इसका ‘फ्री रेडिकल्स’ से कुछ लेना-देना है, जिसके बारे में आपने शायद पहले भी सुना होगा।

फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर में स्वाभाविक रूप से हमारी सभी सामान्य शारीरिक प्रक्रियाओं जैसे सांस लेने और चलने के उपोत्पाद के रूप में बनते हैं, लेकिन वे यूवी प्रकाश में जाने, धूम्रपान, वायु-प्रदूषकों और औद्योगिक रसायनों से भी आते हैं।

फ्री रेडिकल्स अस्थिर अणु होते हैं जो हमारे शरीर में प्रोटीन, कोशिका झिल्ली और डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह प्राकृतिक लेकिन हानिकारक प्रक्रिया ऑक्सीकरण या ऑक्सीडेटिव तनाव के रूप में जानी जाती है। यह कैंसर और हृदय रोग सहित समय से पहले बुढ़ापा, प्रदाह और बीमारियों में योगदान देता है।

महत्वपूर्ण रूप से, एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स को इकट्ठा करते हैं। वे मुक्त कणों को स्थिर करते हैं ताकि वे नुकसान न करें।

अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट बढ़ाने से ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और गठिया, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर सहित कई बीमारियों का खतरा कम होता है।

नारंगी

नारंगी या संतरी रंग के फलों और सब्जियों में भी कैरोटेनॉयड्स होते हैं, लेकिन लाल सब्जियों (अल्फा और बीटा-कैरोटीन, करक्यूमिनोइड्स और अन्य सहित) से थोड़े अलग होते हैं। ये गाजर, कद्दू, खुबानी, कीनू, संतरे और हल्दी में पाए जाते हैं।

अल्फा और बीटा कैरोटीन हमारे शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाते हैं, जो स्वस्थ आंखों और अच्छी दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन ए भी एक एंटीऑक्सिडेंट है जो आपके शरीर के लिपिड (या वसा) जैसे कोशिका झिल्ली जैसे हिस्सों को लक्षित कर सकता है।

विटामिन ए हमारी कोशिका झिल्लियों और लिपिड से बने अन्य क्षेत्रों के आसपास बनने वाले फ्री रेडिकल्स को लक्षित करता है, जिससे कैंसर और हृदय रोग का खतरा कम होता है।

पीला

पीले फलों और सब्जियों में भी कैरोटेनॉयड्स होते हैं, लेकिन उनमें ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन, मेसो-ज़ेक्सैंथिन, वायोला-ज़ैंथिन और अन्य सहित कई फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। ये सेब, नाशपाती, केला, नींबू और अनानास में पाए जाते हैं।

ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन और मेसो-ज़ेक्सैंथिन को नेत्र स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण ताना गया है।

ये फाइटोन्यूट्रिएंट्स आपकी आंखों में यूवी प्रकाश को भी अवशोषित कर सकते हैं, आंखों के लिए सनस्क्रीन की तरह काम करते हैं और उन्हें सूरज की क्षति से बचाते हैं।

हरा

हरे फलों और सब्जियों में क्लोरोफिल (जो आपको शायद हाई स्कूल जीव विज्ञान से याद हो), कैटेचिन, एपिगैलोकैटेचिन गैलेट, फाइटोस्टेरॉल, नाइट्रेट सहित कई फाइटोन्यूट्रिएंट्स और फोलेट (या विटामिन बी 9) के रूप में जाना जाने वाला एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है।

ये एवोकाडो, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सेब, नाशपाती, हरी चाय और पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं।

ये एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी कार्य करते हैं और इसलिए इनमें भी लाल सब्जियों के लिए ऊपर वर्णित लाभ होते हैं। लेकिन यह ‘वैसोडिलेशन’ को बढ़ावा देकर, आपकी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है।

ये फाइटोन्यूट्रिएंट्स हमारी रक्त वाहिकाओं को अधिक लोचदार और लचीला बनाने में मदद करते हैं जिससे वे चौड़ी या फैल जाती हैं। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और रक्तचाप को कम करता है, हमारे हृदय और अन्य जटिलताओं और बीमारी के जोखिम को कम करता है।

गर्भ धारण करने के बाद फोलेट लेने की सिफारिश की जाती है क्योंकि यह शिशुओं में न्यूरल ट्यूब दोष (जैसे स्पाइना बिफिडा) के जोखिम को कम करने में मदद करता है। फोलेट गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों के दौरान भ्रूण तंत्रिका तंत्र के विकास में मदद करता है, क्योंकि यह स्वस्थ कोशिका विभाजन और डीएनए संश्लेषण को बढ़ावा देने का काम करता है।

नीला और बैंगनी

नीले और बैंगनी उत्पादों में एंथोसायनिन, रेस्वेराट्रोल, टैनिन और अन्य सहित विभिन्न प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। वे ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, अंजीर और बैंगनी अंगूर में पाए जाते हैं।

एंथोसायनिन में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इसलिए कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में लाभ प्रदान करते हैं, जैसा कि लाल फल और सब्जियों के तहत बताया गया है।

हाल के साक्ष्यों ने संकेत दिया है कि वे स्मृति में सुधार भी प्रदान कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच सिग्नलिंग में सुधार और मस्तिष्क के लिए नई जानकारी को बदलना और अनुकूलित करना आसान बनाता है (मस्तिष्क की प्लास्टिसिटी के रूप में जाना जाता है)।

भूरा और सफेद

भूरी और सफेद फल और सब्जियों को फाइटोन्यूट्रिएंट्स के एक समूह से उनका यह रंग मिलता है, जिन्हें ‘फ्लेवोन्स’ के रूप में जाना जाता है, इसमें एपिजेनिन, ल्यूटोलिन, आइसोएटिन और अन्य शामिल हैं। ये लहसुन, आलू और केले जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।

सब्जियों के इस रंग में विशेष रूप से लहसुन में पाया जाने वाला एक अन्य फाइटोन्यूट्रिएंट एलिसिन है। एलिसिन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं।

इस शोध में से अधिकांश अभी भी लैब-बेंच पर हैं और मनुष्यों में इनके नैदानिक ​​परीक्षण नहीं किए गए हैं, लेकिन प्रयोगशाला-आधारित अध्ययनों में पाया गया है कि प्रयोगशाला परिस्थितियों में उगाए जाने पर यह सूक्ष्मजीवों को कम कर देता है।

एलिसिन को व्यवस्थित समीक्षाओं में रक्त वाहिकाओं के फैलाव को बढ़ावा देकर उच्च रक्तचाप को सामान्य करने वाला भी पाया गया है।

मैं अपने आहार में अधिक सब्जियां कैसे शामिल कर सकता हूं?

रंगीन फल और सब्जियां, और जड़ी-बूटियाँ, मसाले, फलियाँ और मेवे भी हमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स की अधिकता प्रदान करते हैं। फलों और सब्जियों के इंद्रधनुष को बढ़ावा देना सभी आयु समूहों में स्वास्थ्य लाभ को अधिकतम करने की एक सरल रणनीति है।

हालाँकि, हममें से अधिकांश को प्रत्येक दिन फल और सब्जियों की अनुशंसित मात्रा नहीं मिलती है। अपने सेवन में सुधार करने के लिए यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं:

1. अपने फल और सब्जियों की खरीदारी करते समय, अपनी खरीदारी की टोकरी में इंद्रधनुषी रंगों को शामिल करें (फ्रोजन सब्जियां भी बिल्कुल ठीक हैं)

2. कुछ नए फल और सब्जियां आज़माएं जो आपने पहले न ली हों। इंटरनेट पर इन सब्जियों को पकाने के कई अलग-अलग तरीके मौजूद हैं।

3. अलग-अलग रंग के फल और सब्जियां खरीदें जैसे आप आमतौर पर सेब, अंगूर, प्याज और सलाद के रूप में खाते हैं।

4. छिलके खाएं, क्योंकि फाइटोन्यूट्रिएंट्स छिलकों में अधिक मात्रा में मौजूद हो सकते हैं।

5. भूले नहीं जड़ी बूटियों और मसालों में भी फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, उन्हें अपने खाना पकाने में भी शामिल करें (वे सब्जियों को अधिक आकर्षक भी बनाते हैं!)

द कन्वरसेशन एकता एकता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)