खुशखबरी: आखिरकार खरी उतरी कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक-वी’, भारत में होगा बड़ी मात्रा में उत्पादन

खुशखबरी: आखिरकार खरी उतरी कोरोना वैक्सीन 'स्पुतनिक-वी', भारत में होगा बड़ी मात्रा में उत्पादन

खुशखबरी: आखिरकार खरी उतरी कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक-वी’, भारत में होगा बड़ी मात्रा में उत्पादन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: September 5, 2020 9:32 am IST

नईदिल्ली। रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक-वी’ को लेकर एक अध्ययन किया गया है, जिसमें यह वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है। चिकित्सा जगत से जुड़े शोध प्रकाशित करने वाली लैंसेट पत्रिका ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह जानकारी दी गई है कि लोगों पर किए गए परीक्षण में इस वैक्सीन से किसी में भी किसी तरह का साइड-इफेक्ट नजर नहीं आया है, बल्कि इससे उनके शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार हुई है।

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बता दें कि रूस ने पिछले महीने ही यह वैक्सीन लॉन्च की थी और इसके सुरक्षित होने का दावा किया था। लैंसेट ने अपनी रिपोर्ट में कुल 76 लोगों पर किए गए वैक्सीन के शुरुआती चरण के परीक्षण के नतीजों को लेकर जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की डोज देने के बाद कुल 42 दिन तक सभी लोगों की निगरानी की गई, लेकिन इस दौरान किसी में भी कोई साइड-इफेक्ट नजर नहीं आया। साथ ही 21 दिन के अंदर सभी लोगों में एंटीबॉडी भी पैदा हो गई। 

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शोधकर्ताओं के मुताबिक, सिर्फ 28 दिन के अंदर वैक्सीन ने शरीर में टी सेल यानी व्हाइट ब्लड सेल्स भी पैदा किए। दरअसल, शरीर में मौजूद टी-सेल कोरोना वायरस को मारने का काम करती है। इस वैक्सीन का ट्रायल रूस के दो अस्पतालों में किया गया, जिसमें 18 से 60 साल की उम्र के स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया था। इस वैक्सीन को रूस के गमलेया इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है। 

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शियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के सीईओ किरील दिमित्रीव ने कहा है कि दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन का करीब 60 फीसदी उत्पादन भारत में हो रहा है, वैक्सीन बनाने में हम भी भारत की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और वैक्सीन के बड़े निर्माताओं से इस संबंध में चर्चा जारी है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com