भारत ने विदेशी प्रभाव रोकने संबंधी कानूनों को लेकर संरा मानवाधिकार उच्चायुक्त का बयान खारिज किया |

भारत ने विदेशी प्रभाव रोकने संबंधी कानूनों को लेकर संरा मानवाधिकार उच्चायुक्त का बयान खारिज किया

भारत ने विदेशी प्रभाव रोकने संबंधी कानूनों को लेकर संरा मानवाधिकार उच्चायुक्त का बयान खारिज किया

:   Modified Date:  June 21, 2024 / 09:57 PM IST, Published Date : June 21, 2024/9:57 pm IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा, 21 जून (भाषा) भारत ने विदेशी प्रभाव रोकने संबंधी कानूनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा है कि “पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता।”

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत अरिंदम बागची ने कहा कि वह इस सप्ताह मानवाधिकार परिषद के 56वें ​​सत्र में भारत के संबंध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क के संक्षिप्त उल्लेख से ‘विनम्रतापूर्वक असहमत’ हैं।

टर्क ने कहा था कि “जहां तक तथाकथित “पारदर्शिता” या “विदेशी प्रभाव” रोकने संबंधी कानूनों पर विचार करने या अपनाने की बात है तो बोस्निया-हर्जेगोविना के रिपब्लिका स्पर्का, जॉर्जिया, भारत, किर्गिस्तान, रूस, स्लोवाकिया और तुर्किये समेत 50 देशों में नागरिक संगठनों के काम करने को लेकर चिंताजनक प्रवृत्ति देखी जा रही है। इन कानूनों से नागरिक संगठनों के काम, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संघ बनाने पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा है।’

बागची ने कहा कि भारत समेत दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों में विदेशी धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई दशकों से नियम मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता। अपारदर्शी या अवैध विदेशी वित्तपोषण पर निर्भरता भारत के जीवंत नागरिक समाज के लिए भी हानिकारक है।”

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश

 

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