जिनीवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ दिए गए झूठ के पुलिंदे पर मंगलवार को भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। झूठ क कहानी वैश्विक आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान से आती है। इस दौरान भारत की ओर से देश का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्रालय की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कहा कि धारा 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर में हालात धीरे-धीरे सुधर रहा है। इस दौरान विदेश मंत्रालय की सचिव के साथ पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त के तौर पर काम कर चुके अजय बिसारिया भी मौजूद थे।
विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि पूरे भारत को अपने संविधान पर पूरा भरोसा है। हमारा संविधान किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभव की अनुमति नहीं देता। संविधान के अनुसार भारत का हर नागरिक को बराबर सम्मान का हक है। हमारी न्यायपालिका, फ्री मीडिया और हमारा समाज मानवाधिकारों की रक्षा करता है। धारा 370 हटाने के फैसले के बाद से जम्मू-कश्मीर में भी लोगों को अब समान अधिकार मिलेगा। इस कदम से लिंगभेद समाप्त होगा। बाल अधिकारों को बल मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया जानती है कि झूठ की यह कहानी वैश्विक आतंकवाद केंद्र से आती है, जहां आतंकवादियों को पनाह दिया जाता है। हम इस बात को फिर दोहराना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का मामला हमारा आंतरिक मामला है।
विजय ठाकुर सिंह ने आगे कहा कि भारत विविधताओं का देश है। यहां हर धर्म, जाति और समाज के लोग पूरी आजादी और सम्मान से रहते हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां पिछले साल ही दुनिया ने अब तक की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रकिया को होते हुए देखा, जहां 10 लाख पोलिंग स्टेशनों पर 90 करोड़ भारतीय वोटरों ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया। भारत और भारत का हर नागरिक अपने लोकतंत्र के प्रति अडिग है, जिसकी तारिफ पूरी दुनिया में होती है।
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उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मामले पर जवाब देते हुए कहा कि भारत ने हाल ही में संविधान के अनुसार कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला लेते हुए यहां रहने वाले लोगों को समान अधिकार देने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप वहां संपत्ति के अधिकार और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधित्व सहित लिंग भेदभाव को खत्म करने में मदद मिलेगी। शिक्षा, सूचना का और काम करने का अधिकार मिलेगा। शरणार्थियों और विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों के खिलाफ लंबे समय से चला आ रहा भेदभाव खत्म हो जाएगा।
इससे पहले पाकिस्तान ने यूएन से इस मामले में दखल देने की मांग की थी। कुरैशी ने यूएनएचआरसी में बीजेपी के घोषणापत्र का जिक्र भी कर डाला। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि इसमें कश्मीर में जबरन मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की बात कही गई थी। पाक विदेश मंत्री ने यूएनएचआरसी से कहा कि कश्मीर भारत का आतंरिक मुद्दा नहीं है। कश्मीर में कब्रिस्तान जैसी खामोशी छाई हुई है। वहां नरसंहार किया जा रहा है।
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