बर्लिन, 16 जनवरी (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को कहा कि कई गरीब देशों में कोरोना वायरस के टीके पहुंचाने का काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक कार्यक्रम ने अब तक एक अरब खुराकें इन देशों को पहुंचा दी है, लेकिन यह उपलब्धि समृद्ध देशों में जमाखोरी और भंडारण के “बाद बचे हुए काम की याद दिलाती है।”
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि शनिवार को रवांडा को कोविड-19 टीके की 11 लाख खुराकों की खेप भेजने के बाद कोवैक्स कार्यक्रम के मार्फत भेजी गई खुराकों का आंकड़ा एक अरब के पार हो गया।
डब्ल्यूएचओ लंबे समय से टीकों के असमान वितरण की आलोचना की है और टीका निर्माताओं एवं अन्य देशों से कोवैक्स को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है। उसने कहा कि बृहस्पतिवार तक उसके 194 सदस्य देशों में से 36 देशों की 10 प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है और 88 देशों में टीकाकरण की दर 40 प्रतिशत से कम है।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम ने अब तक 144 देशों में टीके पहुंचाने का काम किया है, “लेकिन इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए किया गया काम महज उस काम की याद दिलाता है, जो अब भी बाकी है।”
उसने कहा, “कोवैक्स का लक्ष्य समृद्ध देशों में जमाखोरी/ भंडारण, विनाशकारी प्रकोपों से सीमाएं बंद हो जाने और आपूर्ति बाधित होने के कारण प्रभावित हुआ है।”
एजेंसी ने कहा, “और दवा कंपनियों द्वारा लाइसेंस, प्रौद्योगिकी और जानकारी को साझा करने की कमी का मतलब है कि उत्पादन क्षमता अप्रयुक्त रह गई।”
दिसंबर के अंत में, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रेास अधनोम गेब्रेयेसस ने सभी से जुलाई की शुरुआत तक 70 प्रतिशत देशों की आबादी का टीकाकरण करने के अभियान को पूरा करने के लिए ‘नए साल का संकल्प’ लेने का आग्रह किया।
एपी
नेहा दिलीप
दिलीप
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