(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, आठ अगस्त (भाषा) पाकिस्तान की संघीय अन्वेषण एजेंसी (एफआईए) ने सोशल मीडिया पर सेना के बारे में दुष्प्रचार में शामिल लोगों का पता लगाने और उनकी धरपकड़ करने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है।
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कथित रूप से दावा किया था कि सेना ने सहानुभूति हासिल करने के लिए हाल ही में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे का ”षड्यंत्र” रचा था, जिसमें छह वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी।
एक अगस्त को बलूचिस्तान प्रांत में बाढ़ राहत अभियान के दौरान खराब मौसम के कारण पाक सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में एक शीर्ष जनरल और पांच वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की जान चली गई थी।
दुर्घटना के बाद कुछ ट्वीट किए गए थे, जिनमें दावा किया गया था कि पाकिस्तानी सेना ने सहानुभूति हासिल करने के लिए हादसे का षड्यंत्र रचा था।
हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए छह लोगों में 12वीं कोर के कमांडर जनरल सरफराज अली भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि शहीदों के बलिदान का अपमान और उसका मजाक उड़ाया जाना भयावह है। उनके इस बयान के बाद एफआईए हरकत में आ गई।
प्रधानमंत्री के ट्वीट के कुछ घंटे बाद सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने पुष्टि की कि एफआईए सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान को खत्म करने के प्रयासों का नेतृत्व करेगी।
उन्होंने कहा कि एफआईए की साइबर अपराध शाखा के अतिरिक्त महानिदेशक मोहम्मद जफर और निदेशक (साइबर अपराध, उत्तर) वकारुद्दीन सईद सहित चार अधिकारी टीम के सदस्य होंगे।
हालांकि, यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि अभियान किसके समर्थन से चलाया जा रहा था। लेकिन, पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी और उसके प्रमुख इमरान खान को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। वहीं, पीटीआई नेताओं ने इन आरोपों को खारिज किया है।
भाषा
जोहेब पारुल
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