धार्मिक अनुभव बदल सकता है मेटावर्स, नए रास्ते खुलने की भी हैं संभावनाएं |

धार्मिक अनुभव बदल सकता है मेटावर्स, नए रास्ते खुलने की भी हैं संभावनाएं

धार्मिक अनुभव बदल सकता है मेटावर्स, नए रास्ते खुलने की भी हैं संभावनाएं

:   Modified Date:  May 15, 2024 / 04:59 PM IST, Published Date : May 15, 2024/4:59 pm IST

(मार्को एड्रिया, अल्बर्टा विश्वविद्यालय)

अलबर्टा, 15 मई (द कन्वरसेशन) नयी तकनीकें हमेशा हमारे धार्मिक अनुभवों में नयापन और बदलाव लेकर आई हैं।

1880 के दशक में रेडियो सुनना कई लोगों की नजर में धार्मिक महत्व रखता था क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि रेडियो में सुनाई दे रही आवाज किसी और लोक से आ रही है।

उस दौरान प्रेतात्माओं से संवाद करने के लिए होने वाली सभाएं काफी लोकप्रिय हो गई थीं क्योंकि कुछ लोगों को लगता था कि रेडियो ने आध्यात्मिक दुनिया के लिए एक द्वार खोल दिया है।

भले ही दुनिया के कुछ हिस्सों में औपचारिक धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी में कमी देखी जा रही है, लेकिन नयी तकनीकें हमारे आध्यात्मिक जीवन में नयापन लाती रहेंगी।

हमारे समय का सबसे नया माध्यम मेटावर्स एक सूचनात्मक और अनुभवात्मक तकनीक है, जहां उपयोगकर्ता आभासी वास्तविकता (वीआर) में बनाए गए सामाजिक वातावरण में बातचीत कर सकते हैं।

मेटावर्स को पहले से मौजूद तकनीकों का उपयोग करके व्यवस्थित और निर्मित किया जा रहा है। इसके पूर्ण रूप और विकास के लिए उन तकनीकों के उपयोग की आवश्यकता होगी जो अभी तक मौजूद नहीं हैं। उदाहरण के लिए, मौजूदा तकनीक का उपयोग करके 3डी ऑनलाइन स्पेस में तेजी से प्रतिपादन या कंप्यूटिंग संभव नहीं है। हालांकि, विशेष रूप से गेमिंग कंपनियां पहले से ही इस चुनौती का समाधान तलाश रही हैं।

लगभग एक चौथाई अमेरिकी पहले से ही धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे धर्मोपदेश देखना या धर्मग्रंथ पढ़ना।

मेटावर्स उपयोगकर्ताओं की अपनेपन की भावना को गहराई तक ले जाकर ऑनलाइन धार्मिक अनुभवों के अवसरों को बढ़ाएगा। इससे उपयोगकर्ताओं को दूसरों को सुनने, ग्रंथों को चुनने और पढ़ने, दूसरों की स्थिति के प्रति सहानुभूति रखने और भलाई के व्यक्तिगत व कॉरपोरेट पहलुओं को साझा करने का मौका मिलेगा।

हालांकि अभी अपने शुरुआती दिनों में, मेटावर्स ने पहले से ही उन लोगों को आकर्षित कर लिया है जो ऑनलाइन धार्मिक गतिविधियां करना चाहते हैं। 2003 में शुरू किए गए वीआर मंच सेकेंड लाइफ में धार्मिक गतिविधियों के लिए 37 वर्चुअल स्पेस हैं, जिन पर ईसाई, बौद्ध, इस्लाम और अन्य धर्मों की जानकारी के लिए व्यवस्था की गई है।

वर्चुअल रिएलिटी (वीआर) मंच ऑनलाइन धार्मिक वातावरण से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। यहं अभी तक उपयोगकर्ताओं को एक गहन धार्मिक गतिविधि में पूरी तरह से और लगातार नेविगेट करने का अवसर नहीं मिलता: जैसे खड़े होना, बैठना, चलना और आमने-सामने बैठकर समसामयिक रूप से, और लगातार बात करना आदि।

हालांकि, जैसे-जैसे तकनीक विकसित होगी, यह अधिक गहन अनुभव प्रदान करने में सक्षम होगी।

ऐसे मंचों का इस्तेमाल करने वालों का मानना है कि इन पर और काम करके इन्हें बेहतर व उपयोगी बनाना संभव है। हालांकि जरूरी नहीं है कि इन्हें डेवलप करने वाले इन पर गहराई से काम कर पाएं। इस सबके बावजूद ऐसे माध्यम खोजे जा रहे हैं।

धार्मिक अनुभवों को समर्थन और सक्षम बनाने वाले मेटावर्स साधन वीआर में पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन इन्हें और अधिक मजबूत व शक्तिशाली बनाने की जरूरत है।

उदाहरण के लिए, तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकी लोगों को कई मानवीय भावनाओं के माध्यम से मेटावर्स वातावरण से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी।

इसी तरह, सामाजिक उपस्थिति और अवतार मेटावर्स की संभावनाएं हैं जो धार्मिक प्रतिभागियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होंगी।

मेटावर्स एक दिन पूरी तरह से समुदाय-केंद्रित हो सकता है।

हालांकि एक धार्मिक स्थान के रूप में मेटावर्स अभी नया लग सकता है, लेकिन इसकी कार्य क्षमताएं स्पष्ट प्रमाण प्रदान करती हैं कि उपयोगकर्ताओं को इस नए माध्यम में बहुत कुछ महत्वपूर्ण और उपयोगी मिलेगा।

(द कन्वरसेशन) जोहेब नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)