(एम जुल्करैन)
लाहौर, छह अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान में उस वक्त संवैधानिक संकट गहरा गया, जब पंजाब विधानसभा को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ सरकार ने नये मुख्यमंत्री के चुनाव से कुछ ही घंटे पहले सील कर दिया। साथ ही, विपक्षी दलों के सदस्यों को मतदान में भाग लेने के लिए परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया।
प्रधानमंत्री इमरान खान के करीब सहयोगी एवं पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के इस्तीफे के बाद पंजाब विधानसभा ने पिछले रविवार को सदन का नया नेता चुनने के लिए विधानसभा का एक सत्र बुलाया था। लेकिन खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर के खारिज करने के बाद, पंजाब विधानसभा उपाध्यक्ष ने नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए सत्र को बुधवार के लिए टाल दिया था।
पंजाब विधानसभा उपाध्यक्ष दोस्त माजरी ने बुधवार को सदन का सत्र बुलाया है, वहीं इमरान खान की पार्टी ने उनके खिलाफ अवश्विास प्रस्ताव का एक नोटिस दिया है। प्रस्ताव जमा करने के बाद, विधानसभा को सरकार ने सील कर दिया और वहां भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
विपक्षी पीएमएल-एन विधायक विधानसभा पहुंचे और धरना दिया, जिसके बाद उन्हें परिसर में नहीं घुसने दिया गया।
विधानसभा सचिवालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सदन के उपाध्यक्ष की अधिसूचना के मुताबिक सत्र 16 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हमजा शहबाज ने कहा, ‘‘यह संविधान का गला घोंटने का एक खुला उदाहरण है। शीर्ष न्यायालय को इसका संज्ञान लेना चाहिए।’’
वहीं, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए मतदान के दिन विधानसभा में ताला जड़ दिया।
भाषा
नरेश
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