कोविड महामारी की छाया की वजह से इस साल भी क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रौनक रही फीकी |

कोविड महामारी की छाया की वजह से इस साल भी क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रौनक रही फीकी

कोविड महामारी की छाया की वजह से इस साल भी क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रौनक रही फीकी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : December 25, 2021/3:57 pm IST

लंदन, 25 दिसंबर (एपी) बेथलहम से फ्रैंकफर्ट तक और लंदन से लेकर बोस्टन तक लगातार दूसरे साल दुनियाभार में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर महामारी का असर देखने को मिला। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते गिरजाघरों को बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने से बचने को मजबूर होना पड़ा और इसकी वजह से परिवारों के साथ मिलकर त्योहर मनाने की योजना भी प्रभावित हुई।

वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को नियंत्रित करने के मकसद से इजराइल ने यात्रा पाबंदी लगाई है और इसकी वजह से ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में ड्रम तथा बैगापाइपर मार्च छोटा रहा तथा अंतरराष्ट्रीय पर्यटक भी इन आयोजनों से दूर रहे।

जर्मनी में कोलोन शहर के विशाल कैथेड्रल के आसपास कतारें देखी गईं, लेकिन ये कतारें ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित मध्य रात्रि प्रार्थना के लिए नहीं थीं, बल्कि कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाने वालों की थीं।

पूरी दुनिया करीब दो साल से लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों से घिरी हुई है तथा अब लोग त्योहारों को अकेले मनाने के तरीके तलाश कर चुके हैं।

तटीय शहर कैसकियास में अंतिम खरीददारी कर रही पुर्तगाली सरकारी कर्मचारी रोसैलिया लोपेज ने कहा, ‘‘हम जब स्वस्थ हैं तो वायरस को अपनी जिंदगी नहीं लेने दे सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार महामारी से हाताश हो चुका है तथा टीकाकरण, बूस्टर खुराक और घर पर रैपिड जांच एवं बाहर मास्क के साथ उत्सव मनाना चाहता है।

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में, जहां ओमीक्रोन तेजी से फैल रहा है, लोग जांच के लिए लंबी कतारों में खड़े दिखे। इनमें से कई ऐसे थे जो परिवार के सदस्यों से मिलने से पहले एहतियातन जांच कराना चाहते थे। लेकिन ओमीक्रोन संक्रमण के चलते कर्मियों की हुई कमी से यहां की विमानन कंपनियों ने सैकड़ों उड़ानों को रद्द कर दिया है जिससे त्योहार मनाने के लिए यात्रा के इच्छुक लोगों को झटका लगा है।

ब्रिटेन में कारोना वायरस तेजी से फैल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि इसकी वजह से कुछ गिरजाघर कार्यक्रमों को सीमित कर सकते हैं। ईस्ट लंदन के एंजलिकन चर्च सेंट पॉल ओल्ड फोर्ड के पादरी की योजना क्रिसमस की प्रार्थना आयोजित करने की है लेकिन श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए चर्च ने नैटिविटी प्ले को स्थगित कर दिया है।

अमेरिका के कई गिरजाघरों ने लोगों के चर्च में आकर प्रार्थना करने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है जिनमें वाशिंगटन का ऐतिहासिक नेशनल कैथेड्रल और बोस्टन का ओल्ड साउथ चर्च भी शामिल है। शेष गिरजाघरों ने ऑनलाइन प्रर्थना की योजना बनाई है।

रोम में पोप फ्रांसिस ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर करीब दो हजार लोगों के साथ सेंट पीटर बासिलिका में बिना मास्क के प्रार्थना की। लेकिन इस स्थल पर लोगों का प्रवेश सीमित था और सभी मास्क पहने हुए थे। वहीं, पिछले साल केवल 200 लोगों को सेंट पीटर बासिलिका में आने की अनुमति दी गई थी जबकि इसकी क्षमता 20 हजार लोगों की है।

जर्मनी में चर्च जाने वालों पर कड़ी स्वास्थ्य पाबंदी लगाई गई है जिसकी वजह से कुछ लोगों को टीकाकरण या जांच रिपोर्ट दिखानी पड़ी। फ्रैंकफर्ट कैथेड्रल जिसकी क्षमता 1200 लोगों की है, वहां क्रिसमस की पूर्व संध्या पर केवल 137 लोगों ने प्रार्थना की, वह भी भौतिक दूरी का अनुपालन करते हुए।

यूरोप में सबसे सख्त पाबंदियों में से एक का सामना कर रहे नीदरलैंड के लोगों ने सीमित विकल्पों में भी क्रिसमस की खुशियां मनाने की कोशिश की। यहां रेस्तरां और बार सहित सभी गैर जरूरी दुकानें बंद रहीं। देश में अन्य दिनों में दो और क्रिसमस पर केवल चार मेहमानों के ही घर आने की अनुमति है।

फ्रांस में कुछ लोगों ने अपने प्रियजनों का अस्पताल में कुशलक्षेम जानकर क्रिसमस मनाया। यहां के मार्सेय शहर में ला टिमोने अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में हाल के दिनों में बड़ी संख्या में कोविड-19 के मरीज भर्ती हुए हैं।

बेल्जियम के एंटवेर्प में लोगों ने सांस्कृतिक स्थानों को बंद करने के खिलाफ अपनी खिड़कियों से क्रिसमस ट्री को उल्टा लटकाकर विरोध जताया।

एपी धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)