वैटिकन ने रहस्यमयी कही जाने वाली घटनाओं का मूल्यांकन करने के लिए मानदंडों में सुधार किया |

वैटिकन ने रहस्यमयी कही जाने वाली घटनाओं का मूल्यांकन करने के लिए मानदंडों में सुधार किया

वैटिकन ने रहस्यमयी कही जाने वाली घटनाओं का मूल्यांकन करने के लिए मानदंडों में सुधार किया

:   Modified Date:  May 17, 2024 / 06:50 PM IST, Published Date : May 17, 2024/6:50 pm IST

वैटिकन सिटी, 17 मई (एपी) वैटिकन ने शुक्रवार को वर्जिन मैरी से संदेश मिलने जैसी घटनाओं, रोती हुई मूर्तियों और अन्य कथित रहस्यमयी घटनाओं के मूल्यांकन के लिए अपनी प्रक्रिया में आमूल-चूल सुधार किया।

यह उल्लेख करते हुए कि मौजूदा मानदंड इंटरनेट युग में उपयोगी एवं व्यवहार्य नहीं थे, वैटिकन के सिद्धांत कार्यालय ने पहली बार 1978 में जारी किए गए मानदंडों में बदलाव किया।

वैटिकन ने कहा कि आजकल, भूत-प्रेत या रोती मैडोना के बारे में बातें तेजी से फैलती हैं और यदि अफवाह फैलाने वाले तत्व लोगों के विश्वास का दुरुपयोग धन उठाने के लिए करना चाहें तो इससे नुकसान अधिक होगा।

नए मानदंडों में यह स्पष्ट किया गया है कि लोगों के संबंधित विश्वास का दुरुपयोग वैधानिक रूप से दंडनीय हो सकता है।

ये मानदंड अनिवार्य रूप से कैथोलिक चर्च की मूल्यांकन प्रक्रिया को फिर से परिभाषित करते हैं कि क्या चर्च के अधिकारी किसी विशेष दृष्टि या कथित तौर पर दैवीय रूप से प्रेरित किसी घटना को अलौकिक घोषित कर सकते हैं।

कैथोलिक चर्च का एक लंबा और विवादास्पद इतिहास रहा है जिसके अनुयायियों का दावा होता है कि उन्होंने वर्जिन मैरी के दर्शन, कथित तौर पर खून के आंसू रोती हुई मूर्तियों और ईसा मसीह के घावों की तरह हाथ-पैरों पर घावों का अनुभव किया है।

चर्च के जिन लोगों ने घावों का अनुभव करने का दावा किया है उनमें पाद्रे पियो और असीसी के सेंट फ्रांसिस शामिल हैं, भले ही इनकी प्रामाणिकता के बारे में निर्णय भ्रामक रहे हों।

संशोधित मानदंडों में चेतावनी दी गई है कि इस तरह की बातों से संबंधित धोखाधड़ी करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाएगा, जिसमें वैधानिक दंड भी शामिल है।

एपी नेत्रपाल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)