रायपुर। नए साल साल की ओर बढ़ते कदमों के शोर में कहीं हम उन्हें भूल तो नहीं गए जिन्होंने हमें 2021 में अलविदा कह दिया। साल 2021 यह साल हमें हमेशा याद रहने वाला है। इस साल हमने कई हस्तियों को खोया है जिनके जाने का ना दिल को भरोसा है ना ही दिमाग को यकीं। इस साल हमने अलविदा कहा कई ऐसे योद्धाओं को जिनके जीवन से हमें हमेशा सीख मिली।
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1- CDS जनरल बिपिन रावत-
16 मार्च 1958 – 8 दिसंबर 2021
ये तस्वीरे उस मनहूस हादसे की है।जिसमें देश के पहले CDS जनरल विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रश हो गया..तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में हुए इस हादसे में वो शहीद हो गए। जनरल रावत ने 1 जनवरी 2020 को देश के पहले चीफ आफ डिफेंस का पद संभाला।बिपिन रावत तीनों सेनाओं के तालमेल की एक कड़ी बन चुके थे.. देश की तीनों सेनाओं में ऊर्जा का नया संचार हो रहा था।बदलाव आना शुरू ही हुआ था कि ..8 दिसंबर 2021 को CDS जनरल विपिन रावत ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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2- फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह
20 नवंबर 1929 – 18 जून 2021
2021 में कोरोना ने हमसे हमारे कई हीरोज को छीन लिया।जिन्होंने देश के तिरंगे को हर समय ऊंचा रखा।इस लिस्ट में फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का नाम भी शामिल रहा.. कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए मिल्खा सिंह ने 18 जून को अंतिम सांस ली।
एथलेटिक्स में भारत का परचम लहराने वाले मिल्खा सिंह ने देश के लिए कई मेडल जीते कई प्रतियोगिताओं में देश का नाम ऊंचा किया..देश का बच्चा-बच्चा मिल्खा सिंह को सलाम करता है उनकी जिंदगी हम सभी के लिए एक प्रेरणा है।
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दिलीप कुमार, अभिनेता
11 दिसंबर 1922- 7 जुलाई 2021
बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग अभिनेता दिलीप कुमार ने भी साल 2021 में हम सबको अलविदा कह गए..लम्बे समय से बीमारी से जुझते हुए उन्होंने 7 जुलाई को दुनिया को अलविदा कह दिया।देश-दुनिया के उनको प्रशंसकों के लिए ये खबर बड़े झटके से कम नहीं थी..दिलीप कुमार की अभिनय कुशलता और अदायगी की दुनिया दिवानी रही।उनका जाना सभी के लिए दुखद है।
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सिद्धार्थ शुक्ला, अभिनेता
12 दिसंबर 1980 – 2 सितंबर 2021
बॉलीवुड में अपनी अभिनय कुशलता के जरिए खुद की मौजूदगी दर्ज कराने वाले सिद्धार्थ शुक्ला ने 2 सितंबर 2021 को हार्ट अटैक आने की बजह से दुनिया को अलविदा कह दिया। इस खबर से मनोरंजन जगत और प्रशंसको में मातम सा फैल गया सिद्धार्थ शुक्ला का यूं अचानक इस दुनिया से चले जाना किसी बड़ा झटके से कम नहीं था..सिद्धार्थ के फैंस को उनके ऐसे चले जाने का गहरा सदमा लगा..
नंदकुमार चौहान
2 मार्च 2021
मध्यप्रदेश के खंडवा से 5 बार सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान 2 मार्च को कोरोना से जंग हार गए.. 11 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भोपाल के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.. नंदकुमार का राजनीतिक सफर 1978 में शाहपुर नगर परिषद से शुरू हुआ..फिर 1985 से 1996 तक विधायक रहे..फिर 1996 में पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए..इसके बाद 5 बार खंडवा से वो सांसद चुने गए।
देवव्रत सिंह, JCCJ नेता
-4 नवंबर 2021
छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा से विधायक और जेसीसीजे के नेता देवव्रत सिंह का 4 नवंबर को निधन हो गया.. खैरागढ़ राजपरिवार के सदस्य देवव्रत सिंह कांग्रेस के तेज तर्रार माने जाते थे। अजित जोगी के करीबी रहे सिंह ने दिसंबर 2017 में पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ दी.. 2018 में देवव्रत जेसीसीजे के टिकट पर चुनाव जीते। हालांकि अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही में हुए उपचुनाव के दौरान देवव्रत ने पार्टी के विरोध में जाकर कांग्रेस का साथ दिया।
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रमेश वर्ल्यानी, कांग्रेस नेता
15 नवंबर 1947 -19 दिसंबर 2021
छग कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश वर्ल्यानी ने 19 दिसंबर 2021 को सभी को अलविदा कह दिया।कांग्रेस सहित छग के लिए यह एक बड़ी छति थी 15 नवंबर 1947 को जन्में रमेश वर्ल्यानी सामाजिक क्षेत्र में भी काफी सक्रिय थे.. उन्होंने पूरा जीवन राजनीति के सहारे समाज सेवा में गुजारा।
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भारतीय टीम आइसीसी टूर्नामेंट में 2021 में फेल रही ।
टीम इंडिया ने साल 2021 में दो आइसीसी इवेंट्स में हिस्सा लिया। एक आइसीसी इवेंट वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप थी, जिसके फाइनल मैच का आयोजन पहली बार हुआ था और साल का दूसरा इवेंट आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप था। इन दोनों ही टूर्नामेंटों में टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया को मात मिली, जबकि टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी भारत एंट्री नहीं कर पाई।दोनों बार टीम इंडिया की कमान बल्लेबाज विराट कोहली के हाथों में थी..नए दशक का एक साल खत्म होने को है और ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आखिर कब और कैसे भारतीय टीम आइसीसी टूर्नामेंट में 2021 में फेल रही ।
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टीम इंडिया के लिए साल 2021 बहुत अच्छा नहीं गुजरा, क्योंकि एक साल के अंदर भारत ने दो ICC टूर्नामेंट खेले, लेकिन दोनों ही टूर्नामेंटों में टीम इंडिया खिताब से दूर रही। यहां तक कि एक ICC इवेंट के तो फाइनल में विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम को हार का भी सामना करना पड़ा। (विश्व टेस्ट चैंपियनशिप)
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया था। अगस्त 2019 में इस टूर्नामेंट का चक्र शुरू हुआ था और फाइनल जून 2021 में हुआ।
टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए भारत और न्यूजीलैंड की टीम ने क्वालीफाई किया। भारत को इस खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम इंडिया खिताब पर दावा नहीं कर सकी। न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से आसानी से मुकाबला जीत लिया था। इस तरह टेस्ट चैंपियनशिप की गदा कीवी टीम के पास गई थी। ।
BCCI के मेजबानी में यूएई और ओमान में टी20 विश्व कप का आयोजन अक्टूबर-नवंबर में हुआ, जिसमें टीम इंडिया को दावेदार माना जा रहा था, लेकिन भारत को पहले पाकिस्तान और फिर दूसरे मैच में न्यूजीलैंड से सुपर 12 के मैचों में हार मिली और इसी के बाद तय हो गया था कि टीम इंडिया अब अपने दम पर सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाएगी। आखिर में ऐसा हुआ। टीम ने आखिरी तीन मैच जीते, लेकिन पांच जीत के साथ पाकिस्तान और चार जीत के साथ न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। बाद में टूर्नामेंट न्यूजीलैंड को हराकर आस्ट्रेलिया ने जीता ।
SPORTS
कोरोना के कारण 2020 के ओलंपिक 2021 में हुए. लेकिन एक साल की देरी कम से कम भारत के लिहाज से, तो फायदेमंद रही. क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में भारत ने ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में 121 साल का सूखा खत्म हुआ. भारत ने 1900 में हुए दूसरे ओलिंपिक में पहली बार शिरकत की थी. तब से टोक्यो गेम्स तक कोई भारतीय एथलेटिक्स के किसी इवेंट में मेडल नहीं जीत पाया था. 1900 के ओलंपिक में ब्रिटिश इंडिया की तरफ से हिस्सा लेते हुए स्प्रिंटर नॉर्मन प्रिचार्ड ने दो सिल्वर मेडल जीते थे..।
भारत के लिए टोक्यो 2020 ओलंपिक अब तक का सबसे सफल ओलंपिक रहा। भारत ने कुल 7 पदक अपने नाम किए। भारत 1900 से ओलंपिक गेम्स में हिस्सा ले रहा है। इसके बाद भी पहली बार हुआ, जब टीम ने एक ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीते। इससे पहले भारत ने 2012 के लंदन ओलंपिक में 6 पदक जीते थे। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारत के मेडल के खाने को पहले ही दिन महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू सिल्वर के साथ भरने की शुरुआत की..भारत की झोली में दूसरा मेडल भी महिला खिलाड़ी ने ही डाला। बैडमिंटन स्टार और पिछले ओलिंपिक की सिल्वर मेडल विजेता पीवी सिंधू ने कांस्य जीता। वहीं, बैडमिंटन कोर्ट पर भी पीवी सिंधु ने इतिहास रचा।. सिंधु ओलंपिक में दो पदक जीतने वालीं भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनीं।महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के बाद पहलवान रवि कुमार दाहिया ने भारत को मेडल दिलाया।
टोक्यो ओलंपिक भारतीय हॉकी के लिए यादगार रहा। भारतीय मेंस हॉकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया. भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक में मेडल जीता. इससे पहले भारत ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. टोक्यो में भारत की महिला हॉकी टीम ने भी शानदार खेल दिखाया और पहली बार ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीइसके अलावा बजरंग पूनिया भी देश के लिए पदक जीता।प्रतियोगिता के खत्म होन से पहले देश को सबसे बड़ी खुशी नीरज चोपड़ा से मिली। भालाफेंक में गोल्ड के साथ इस एथलीट ने भारतीय अभियान का सुखद अंत किया.. नीरज ने ओलंपिक में 13 साल बाद भारत को स्वर्ण पदक दिलाया. उनसे पहले 2008 में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीता था. यही नहीं, टोक्यो में 121 साल में पहली बार भारत को ट्रैक एंड फील्ड में स्वर्ण पदक हासिल हुआ।।टोक्यो पैरालंपिक में भी लहराया भारत का परचम
टोक्यो ओलंपिक के बाद पैरालंपिक में भी भारतीय एथलीट्स ने देश का नाम रोशन किया। इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 5 गोल्ड, 8 रजत और 6 कांस्य पदक मिलाकर कुल 19 पदक जीते और पदक तालिका में भारत 24वें स्थान पर रहा. इससे पहले भारत ने रियो पैरालंपिक में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था. तब भारत ने 2 गोल्ड समेत 4 पदक जीते थे ।
क्रिकेट, कोरोरा और विवाद- 2021
हर साल की तरह साल 2021 में भी क्रिकेट जगत में काफी विवाद हुए या यूं कहें कि विवाद अब खेल का हिस्सा बन गए हैं। 2021 विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल और टी 20 विश्व कप सहित साल में हुए बड़े क्रिकेट घटनाओं के बावजूद समान था। सिडनी टेस्ट में नस्लवाद की घटना से लेकर विराट कोहली की वनडे कप्तानी के जाने तक..कोविड-19 की वजह से आईपीएल को बीच में रोकना पड़ा. सिर्फ आईपीएल ही नहीं, कोविड-19 का प्रकोप दुनिया और क्रिकेट जगत को भी प्रभावित करता रहा. यह साल क्रिकेट की दुनिया के लिए काफी उथल-पुथल भरा है।
भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा 2021 टीम इंडिया के लिए किसी परीकथा से कम नहीं था।SCG टेस्ट टीम इंडिया के खिलाडियों के लिए किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं थी। क्योंकि टेस्ट मैच और सीरीज बचाने के लिए उन्हें बिगड़ती सतह पर पांचवें दिन बल्लेबाजी करनी थी। और सबसे अच्छी बात ये थी कि खिलाड़ियों ने टेस्ट मैच को बचा लिया, जिसे टीम इंडिया की जीत की तरह देखा जा रहा था। हालांकि, भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद सिराज, अजिंक्य रहाणे को SCG स्टैंड से नस्लवादी टिप्पणियों का शिकार होना पड़ा, जिसने सभी को हिला दिया। रविचंद्रन अश्विन ने खुलासा किया कि जब भी वो ऑस्ट्रेलिया का दौरा करते थे तो स्टैंड से उन्हें नस्लीय रूप से दुर्व्यवहार किया जाता था।
साल 2021 इंग्लैंड का भारत दौरा टीम इंडिया के लिए बहुत खास रहा और सीरीज में भारत को एक से एक नए खिलाड़ी मिले और टीम इंडिया ने सीरीज पर कब्जा किया। मगर इस सीरीज में अंपायरिंग सवलों के कटघरे में रहे। पूरे सीरीज में अंपायरिंग के फैसले न केवल सामान्य थे बल्कि पूरी तरह से शर्मनाक भी थे। कप्तान जो रूट और कोच क्रिस सिल्वरवुड एक फैसले से इतने हैरान थे कि उन्हें मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ के पास जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। सीरीज में कई फैसलों को पलट दिया गया, यहां तक कि तीसरे अंपायर की भी जल्दबाजी में लिए गए फैसलों के लिए आलोचना की गई।
3 टीम इंडिया में कप्तानी को लेकर साल 2021 में पहली बार बहस देखने को मिली। फिर बाद में विराट कोहली के हाथों से वनडे की कप्तानी लेकर रोहित शर्मा को देना का फैसला लिया गया है। कोहली के टी20 इंटरनेशनल की कप्तानी छोड़ने के बाद ये जिम्मेदारी रोहित को सौंपी गई थी फिर दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले टेस्ट टीम का ऐलान करते हुए यए भी कहा गया कि वनडे की कप्तानी भी रोहित को सौंपी जाती है। इसके बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि विराट को टी20 की कप्तानी छोड़ने के लिए मना किया गया था, लेकिन वो नहीं माने. ऐसे में चयनकर्ताओं ने वनडे और टी20 के लिए एक कप्तान बनाने का फैसला किया। इसके एक सप्ताह बाद विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और गांगुली के दावों को खारिज कर दिया। विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच अभी ये विवाद शांत नहीं हुआ है ।