नईदिल्ली। suhag bangales भारतीय समाज में हर किसी महिला को चूड़ियां पहनने का विशेष परंपरा है। महिलाएं कोई भी फंगशन हो वो ड्रेस के हिसाब से चूड़ियां पहनती है। वहीं 15 अगस्त के मौके पर महिलाएं अधिकतर ट्राई कलर यानी कि केसरिया, सफेद और हरे रंग की चूड़ियां पहनती है। लेकिन क्या आपको पता भी है चूड़ियां किस चीजों से बनती है। आज हम आपको बताते है कि चूड़ियां किस चीज से बनती है।
suhag bangales दरअरसल, चूड़ियां बनाने के लिए कांच का उपयोग किया जाता है और अलग अलग भट्टियों का इस्तेमाल करते है। जिसको को पोर्ट में पकाया जाता है। फिर पिघले हुए कांच के टुकड़ों को लोहे के सरिए में लपेटकर चूड़ी के अलग-अलग आकार बनाए जाते हैं। जिसके बाद उसको रंगाया जाता है। वैसे तो हरा रंग की चूड़ियों का सुहाग का रंग कहा जाता है। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि हरे रंग की चूड़ियां बनाने के लिए जानवरों की हड्डी का इस्तेमाल किया जाता है। जी हां, जानवर की हड्डी को सुखाकर कांच में रेता, सोडा, नमक, हराकसिस और सोडियम सिलिकोफ्लोराइड मिलाकर पकाया जाता है, जिससे चूड़ी पर हरा रंग आता है।
ट्राई कलर यानी कि तिरंगे के कलर वाली चूड़ियां बनाने के लिए भी अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे- केसरिया रंग के लिए रेता, सोडा, सुहागा सेलेनियम, केडमियम सल्फाइड और जिंक ऑक्साइड के मिश्रण को भट्टी में पकाया जाता है, तब जाकर चूड़ियों में केसरिया रंग आता है।