बिहार: शिक्षा विभाग ने कई राज्य विश्वविद्यालयों के बैंक खाते ‘फ्रीज’ करने के अपने आदेश को वापस लिया |

बिहार: शिक्षा विभाग ने कई राज्य विश्वविद्यालयों के बैंक खाते ‘फ्रीज’ करने के अपने आदेश को वापस लिया

बिहार: शिक्षा विभाग ने कई राज्य विश्वविद्यालयों के बैंक खाते ‘फ्रीज’ करने के अपने आदेश को वापस लिया

:   Modified Date:  June 12, 2024 / 09:46 PM IST, Published Date : June 12, 2024/9:46 pm IST

पटना, 12 जून (भाषा) बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने कई राज्य विश्वविद्यालयों के बैंक खाते ‘फ्रीज’ करने और कुलपतियों तथा अन्य अधिकारियों के वेतन रोकने के अपने विवादास्पद आदेश को बुधवार को वापस ले लिया।

हाल में पटना उच्च न्यायालय ने विभाग के इस आदेश पर स्थगन लगा दिया था।

शिक्षा विभाग के सचिव बैद्य नाथ यादव ने बुधवार को राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे एक पत्र में कहा, “विभाग ने इस संबंध में पटना उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के बाद मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय (पटना), पूर्णिया विश्वविद्यालय (पूर्णिया), मुंगेर विश्वविद्यालय (मुंगेर) सहित विभिन्न सरकारी विश्वविद्यालयों के खातों को ‘फ्रीज’ करने के अपने पहले के आदेश को वापस लेने का फैसला किया है।’’

पिछले महीने पटना उच्च न्यायालय ने बिहार के शिक्षा विभाग को राज्य विश्वविद्यालयों और उसके अधिकारियों के खिलाफ ‘कोई दंडात्मक कार्रवाई’ नहीं करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने विभाग को विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के वेतन को रोकने और विभिन्न विश्वविद्यालयों के खातों को ‘फ्रीज’ करने के अपने निर्देश को अगले आदेश तक ‘स्थगित’ रखने को भी कहा था।

शिक्षा विभाग ने इस साल मार्च में एक को छोड़कर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के बैंक खातों को ‘फ्रीज’ करने का आदेश दिया था। उसने इस साल फरवरी के आखिरी सप्ताह में उसके द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में कथित रूप से अनुपस्थित रहने के लिए उनके कुलपतियों का वेतन रोक दिया था।

विभाग ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को छोड़कर सभी कुलपतियों को एक पत्र जारी किया था और संबंधित कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगा था कि वे लंबित परीक्षाओं की स्थिति और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक में क्यों शामिल नहीं हुए।

इस बीच राज्यपाल राजेंद्र वी आर्लेकर ने बुधवार को शिक्षा विभाग को याद दिलाया कि राज्य विश्वविद्यालयों को ‘पर्याप्त धन’ उपलब्ध कराना उसका कर्तव्य है। राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं।

राज्यपाल ने यह टिप्पणी राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की मौजूदगी में एक बैठक के दौरान की, जिन्होंने उम्मीद जताई कि ‘टीम भावना’ से उच्च शिक्षा में बहुत जरूरी सुधार आएगा।

राजभवन द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल ने कुलपतियों को संबंधित विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों के विकास के लिए एक रोड मैप तैयार करने का भी निर्देश दिया और कहा कि कुलपतियों को अपने संस्थानों को ‘उत्कृष्टता के केंद्र’ के रूप में विकसित करने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में अलग-अलग ‘डीन’ होने चाहिए- एक अकादमिक के लिए और दूसरा शोध के लिए।

भाषा अनवर राजकुमार

राजकुमार

 

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