आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी बिहार सरकार: सम्राट चौधरी |

आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी बिहार सरकार: सम्राट चौधरी

आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी बिहार सरकार: सम्राट चौधरी

:   Modified Date:  June 20, 2024 / 09:02 PM IST, Published Date : June 20, 2024/9:02 pm IST

पटना, 20 जून (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आरक्षण पर आए पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार इस निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने ‘पीटीआई’ वीडियो से बातचीत के दौरान आरक्षण को लेकर पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बारे में कहा, ‘‘हम लोग आहत हुए हैं ।’’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका देते हुए पटना उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में दिये जाने वाले आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 फीसदी किए जाने का फैसला बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। इन याचिकाओं में नवंबर 2023 में राज्य सरकार द्वारा जाति आधारित गणना के बाद आरक्षण में वृद्धि को लेकर लाए गए कानूनों का विरोध किया गया था।

याचिकाकर्ताओं के वकीलों में से एक रितिका रानी ने कहा, ‘‘अदालत ने हमारी याचिका पर मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। (आरक्षण में वृद्धि को लेकर) संशोधनों से संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 20 का उल्लंघन हुआ है। आज अदालत ने हमारी याचिकाएं स्वीकार कर लीं।’’

चौधरी ने कहा है कि भाजपा के पूर्ण समर्थन से ही सरकार ने जातीय गणना कराने के बाद आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाकर 65 फीसद किया था।

उन्होंने कहा कि जातीय गणना की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण 65 फीसद कर दिया था।

चौधरी ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को बिहार में सरकारी नौकरियों व उच्च शैक्षणिक संस्थानों में मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को मिलाकर आरक्षण बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक कर दिया गया था।

चौधरी ने कहा कि तमिलनाडु में पहले से 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक 69 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, ऐसे में बिहार में वृद्धि संविधान सम्मत और न्यायोचित है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर पूरी तत्परता से पटना उच्च न्यायालय के आरक्षण पर आए फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने ‘पीटीआई’ वीडियो से बातचीत के दौरान आरक्षण को लेकर पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बारे में कहा, ‘‘हम लोग आहत हुए हैं ।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के लोग किसी भी हालत में आरक्षण को रोकने का काम करेंगे यह हम लोग शुरू से ही कहते रहे हैं और चुनाव के दौरान भी कहा था कि भाजपा के लोग आरक्षण विरोधी हैं ।’’

बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी ने कहा, ‘‘आप लोगों को पता होगा कि हम लोगों ने जाति आधारित गणना कराई थी तब भी भाजपा के लोगों ने अदालत में जनहित याचिका दायर करवा कर उसे रोकने का प्रयास किया था। हलफनामा देकर महाधिवक्ता को खड़ा करने का प्रयास किया गया लेकिन अंत में हम लोगों की जीत हुई और हम लोगों ने सर्वे (जाति आधारित गणना) भी कराया। दलित, आदिवासी, पिछड़ों एवं अति पिछड़ों का आरक्षण हम लोगों ने बढ़ाया था।’’

भाषा अनवर

जोहेब

जोहेब

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)