नीट मामले के आरोपियों के राजद से संबंधों की सीबीआई जांच की मांग करेंगे- विजय सिन्हा |

नीट मामले के आरोपियों के राजद से संबंधों की सीबीआई जांच की मांग करेंगे- विजय सिन्हा

नीट मामले के आरोपियों के राजद से संबंधों की सीबीआई जांच की मांग करेंगे- विजय सिन्हा

:   Modified Date:  June 21, 2024 / 09:20 PM IST, Published Date : June 21, 2024/9:20 pm IST

पटना, 21 जून (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि वह नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी के तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारियों के साथ संदिग्ध संबंधों की जांच सीबीआई से कराने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे ।

इस पर पलटवार करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र एवं राज्य में सरकारें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की हैं और सभी एजेंसियां उनके तहत आती हैं और वे उनके सहायक को बुलाकर पूछताछ कर लें।

सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की सिफारिश करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। हम उनसे मिलेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारियों के साथ संदिग्ध संबंधों से संबंधित मामले में आवश्यक कार्रवाई करें।’’

भाजपा नेता ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि यादव से जुड़े अधिकारी नीट ‘पेपर लीक’ के मुख्य संदिग्ध सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के साथ लगातार संपर्क में थे और उन्होंने मामले की ‘उच्च स्तरीय’ जांच की मांग की थी।

उपमुख्यमंत्री ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर बढ़ते देशव्यापी विरोध के बीच मामले की जांच की मांग की। उच्चतम न्यायालय इस मामले की सुनवाई आठ जुलाई को करेगा।

उन्होंने राजद नेता से जुड़े अधिकारी और मुख्य आरोपी के बीच संबंधों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे और सीबीआई सहित उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि जब बिहार में भाजपा सत्ता में है और ऐसी जांच के लिए केवल राज्य सरकार की सिफारिश की आवश्यकता है, तो उन्हें उच्च स्तरीय जांच की मांग क्यों करनी पड़ रही है, सिन्हा ने कहा, ‘मैं दोहरा रहा हूं कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। हम उन्हें अवगत करायेंगे और सीबीआई सहित उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध करेंगे।’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस विवाद में यादव के करीबी अधिकारियों की ‘‘संलिप्तता’’ के बारे में मीडिया के साथ सबूत साझा किए हैं।

दूसरी ओर, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ‘‘पीटीआई वीडियो’’ से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य में सरकार उनकी, केंद्र में सरकार उनकी, जांच एजेंसियां उनकी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री जी से कहते हैं कि वह मेरे सहायक को बुलाएं और पूछताछ कर लें। मेरे सहायक को चाहे पीए या पीएस कोई भी हो, बुलाकर पूछताछ कर लें, अगर कोई बात है तो।’’

यादव ने सिन्हा द्वारा उनके एक अधिकारी की मुख्य आरोपी के साथ कथित संबंध को लेकर उठाए जा रहे प्रश्न की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘लेकिन उपमुख्यमंत्री जो सवाल उठा रहे हैं, इस बात को लेकर ईओयू (बिहार की आर्थिक अपराध इकाई) ने आज तक तो कुछ कहा नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिस अभियंता (यादवेंदु) की ये लोग बात कर रहे हैं उसे नगर विकास विभाग में जल संसाधन विभाग से यही लोग 2021 में लाए थे। थोड़ा ज्ञान प्राप्त कर लेना चाहिए इन लोगों को। ये लोग जो सरगना है पेपर लीक के, उन लोगों से मुद्दे को दूसरी ओर ले जाना चाहते हैं ।’’

तेजस्वी ने कहा, ‘‘ये जो अमित आनंद और नीतीश कुमार है। ये कौन लोग हैं। इनको क्यों बचाना चाहते हैं ये लोग। क्यों घुमा रहे हैं मुद्दे को। मुद्दे को डाइवर्ट नहीं करना चाहिए। … कल मनोज झा जी (राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता) ने भी तस्वीर ( पेपर लीक के मास्टरमाईंड माने जाने वाले अमित आनंद के साथ बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चैधरी की तस्वीर) साझा कर दी है।’’

राजद नेता ने कहा, ‘‘कोई भी दोषी हो, उसको बुलाकर पूछने में क्या दिक्कत है। बुलाएं, गिरफ्तार करें, हमको क्या दिक्कत है। हम ही कह देते हैं मुख्यमंत्री को कि बुला लें। जो भी मामला है, आज न कल सबको पता चल जाना है। जो लोग मेरा या मेरे पीए का नाम घसीटना चाहते हैं, इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। जिस अभियंता की बात कर रहे हैं, वह लाभुक हो सकता है, लेकिन पेपर लीक का मास्टरमाइंड तो अमित आनंद, अमित कुमार है। उसमें कारवाई करनी चाहिए ।’’

सिन्हा पर लोगों का ध्यान मूल मुद्दे से भटकाने का आरोप लगाते हुए यादव ने आश्चर्य जताया कि भाजपा नेता अमित आनंद और नीतीश कुमार जिन्हें ईओयू ने गिरफ्तार किया है, जैसे अन्य आरोपियों के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों सरगनाओं का उनके (भाजपा) साथ क्या संबंध है, इसकी जांच की जानी चाहिए।’’

बिहार में पेपरलीक के बाद शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण की परीक्षा रद्द किये जाने का जिक्र करते हुये यादव ने कहा, ‘‘उसके अपराधी बाहर घूमते हुए बिना जेल गए बेल करा लिए। हम लोगों को सबकी जानकारी है। इस (उपमुख्यमंत्री द्वारा आरोप लगाए जाने) सबसे कुछ होने वाला नहीं है। देश की जनता जानती है, जब-जब भाजपा सत्ता में आती है, पेपर लीक होता है।

ईओयू ने नीट परीक्षा 2024 में कथित पेपर लीक की जांच के तहत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में परीक्षार्थी, उनके माता-पिता और अमित आनंद, नीतीश कुमार तथा कथित मास्टरमाइंड सिकंदर प्रसाद यादवेंदु शामिल है।

वहीं, सिन्हा ने अपने कल के दावों के बारे में कहा, ‘‘मैंने बृहस्पतिवार को मीडिया के सामने सब कुछ रखा था । मैंने इस संबंध में मीडियाकर्मियों के साथ कुछ सबूत भी साझा किए थे। अब ये बातें सार्वजनिक हैं… मुझे उम्मीद है कि ईओयू जो कथित नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही है, इस पहलू (आरोपी का राजद नेता के एक अधिकारी के साथ संबंध) की भी जांच करेगी ।’’

सिन्हा ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि तेजस्वी यादव से जुड़ा एक अधिकारी सिकंदर के लिए पटना और अन्य स्थानों के गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था करता था तथा उनके पास उन संदेशों का विवरण है जो अधिकारी ने सिकंदर के ठहरने की व्यवस्था करने के लिए संबंधित व्यक्तियों को भेजे थे।

उन्होंने कहा था कि उनके पास वह मोबाइल नंबर है जिससे यादवेंदु के ठहरने के लिए संदेश भेजे गए थे और इसकी गहन जांच होनी चाहिए।

इस बीच विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने नीट-यूजी परीक्षा में हुई व्यापक धांधली के खिलाफ पटना में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया।

बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को राज्य की राजधानी पटना के इनकम टैक्स गोलम्बर पर इकट्ठा होकर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने प्रतियोगिता परीक्षा में हो रही धांधली पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि जहां-जहां भाजपा शासन है, इस तरह की घटनाएं बराबर होती रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में देश की शिक्षा और परीक्षा व्यवस्था धांधली का शिकार होती जा रही है। पेपरलीक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शिवराज सिंह चैहान की नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में व्यापमं घोटाला से इसकी शुरूआत हुई और उत्तर प्रदेश होते हुए यह बिहार पहुंच गई।

सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के भाजपा शासन में शायद ही कोई परीक्षा हुई जिसमें पेपर लीक नहीं हुआ या धांधली नहीं हुई। इसीलिए कांग्रेस ने पेपर लीक को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और अपने घोषणापत्र में शामिल किया ।

उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा शिक्षा और परीक्षा की अहमियत को समझने में नाकाम रही है। बेरोजगारी के दंश से युवा पहले से अवसाद से ग्रसित हैं और इस तरह के मामले उनको भावनात्मक स्तर पर तोड़ने का काम करती है।

सिंह ने कहा कि पेपर लीक एक राष्ट्रीय त्रासदी बनता जा रहा है। इसकी गहन जाँच होनी चाहिए और पूरी व्यवस्था की बुनियादी ढांचे को दुरूस्त करने की जरूरत है। ताकि युवा पीढ़ी के दिमाग में परीक्षा की विश्वसनीयता कायम रहे।

भाषा अनवर नोमान रंजन

रंजन

 

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