bilaspur mining contractor Kamal Soni Important role in Operation Rahul

Operation Rahul: जब NDRF-SDRF ने खड़े किए हाथ!, तो हीरो बनकर आया यह माइनिंग कांट्रैक्टर, …और जीत गई जिंदगी

 Operation Rahul: बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरे राहुल साहू को सुरक्षित बचाने के लिए देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : June 15, 2022/4:00 pm IST

बिलासपुर। Operation Rahul: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरे राहुल साहू को सुरक्षित बचाने के लिए देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा। राहुल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। उसे सरक्षित बाहर निकालने के लिए करीब पांच दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला, तब जाकर 104 घंटे बाद बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकाला गया। पांच दिन तक जिला प्रशासन, पुलिस, NDRF, सेना,  SDRF सहित कई सुरक्षा संस्थानों के कर्मचारी रात दिन एक किए हुए थे, तब जाकर देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन सक्सेज हुआ।

Read more: जीत गई जिंदगी: 5 प्वॉइंट्स में जानें, कैसे सक्सेज हुआ देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन 

राहुल को बाहर निकालने में शहर के युवा माइनिंग कांट्रैक्टर कमल सोनी और उनकी टीम का बहुत बड़ी भूमिका रही। कमल सोनी की टीम ने ही सुरंग की चट्टान काटी। राहुल को बाहर निकालने में बड़ी भूमिका  निभाई। सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर जांजगीर कलेक्टर को बधाई दी। वहीं कलेक्टर ने कहा कि देश के सबसे बड़े खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है।

Read more:  देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन सफल, जिसे पूरे होने में लगे 5 दिन 104 घंटे 

104 घंटे से बोरिंग के गड्ढे में फंसे राहुल को बाहर निकालने में जिला प्रशासन के साथ ही सेना के जवान  NDRF की टीम बिलासपुर के युवा माइनिंग ठेकेदार खाटू श्याम ट्रेडर्स के संचालक कमल सोनी और उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बताया जाता है कि जब जांजगीर जिला प्रशासन के अधिकारी राहुल को बाहर निकाल रहे थे, उस समय सुरंग में एक बड़ी चट्टान बाधा बनी।  NDRF, जिला प्रशासन SECL की टीम को काम रोकना पड़ा, तब जांजगीर जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने माइनिंग कांट्रेक्टर कमल सोनी से फोन पर बात की। कमल सोनी और उनके कर्मचारी 2 घंटे में ही सुरंग में आड़े आ रही बड़ी चट्टान को काटने के लिए चेन माउंटेड कलोरल ड्रिलिंग मशीन लेकर पहुंचे।

Operation Rahul: इस मशीन की सहायता से चट्टान को काटकर 36 घंटे बाद राहुल तक पहुंचने में सफल हुए। लगातार 8 ड्रिलिंग करने वाले कर्मचारी पारी-पारी से 36 घंटे तक चट्टान को काटने के लिए सुरंग बनाने ड्रिलिंग करते रहे। कुछ देर के लिए रात को बड़ी चट्टान को काटने का काम अधिकारियों ने रुकवा दिया था, , लेकिन देरी हो होता देख फिर से 60 फीट गहरी गड्ढे में घुसकर चट्टान काटने का काम मशीन से शुरू किया गया। कमल सोनी ने कहा कि राहुल को नया जीवन मिला यह उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है। इस बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन और इस घटना को वे कभी नहीं भूल सकते। शहर के लोग कमल सोनी के प्रयास की सराहना कर रहे हैं।

Read more: बोरवेल से बाहर निकलने के बाद अब कैसा है राहुल, डॉक्टर ने स्वास्थ्य को लेकर कही ये बात 

Read more: खतरों के खिलाड़ी राहुल.. सांप और मेंढक के बीच 104 घंटे तक बोरवेल में फंसा रहा, बहादुरी के सीएम भी हुए कायल

CM भूपेश ने टीम को दी बधाई

Operation Rahul:  सबसे बड़े सफल रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना योगदान देने के लिए कमल सोनी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों खासकर कलेक्टर एवं खनिज विभाग के अधिकारियों का आभार जताया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेस्क्यू टीम और अधिकारियों को इस सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर श्याम खाटू ट्रेडर्स के संचालक कमल सोनी को एवं उनकी टीम को बधाई भी दी है। शहर के युवा ठेकेदार कमल सोनी पिछले कई सालों से माइनिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं । पत्थर एवं बड़ी चट्टान को काटने के लिए उनके पास चेन माउंटेड क्लोरल ड्रिलिंग मशीन यहां सिर्फ उन्हीं के पास हैं।

4 IAS, 2 IPS  लगे रहे

4 IAS, 2 IPS अधिकारी जिसमें प्रमुख रूप से कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, राहुल देव, विजय अग्रवाल, नपुर पन्ना, एआर आहिरे रीना जमील, माइनिंग अफसर रमाकांत सोनी  राहुल को बचाने में जुटे रहे।