छत्तीसगढ़ : राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव शुरू, CM बघेल ने पद्मश्री डॉ हलधर नाग को सम्मानित कर लगाया गले

कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान प्रख्यात कवि एवं पद्मश्री डॉ हलधर नाग को सम्मानित करते हुए गले लगा लिया। Chhattisgarh: National Tribal Festival begins

छत्तीसगढ़ : राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव शुरू, CM बघेल ने पद्मश्री डॉ हलधर नाग को सम्मानित कर लगाया गले
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: April 19, 2022 1:32 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव की शुरूआत हो चुकी है, CM भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ किया है। सीएम के अलावा मंत्री अमरजीत भगत, अनिला भेड़िया, प्रेमसाय सिंह टेकाम भी मौजूद रहे, कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान प्रख्यात कवि एवं पद्मश्री डॉ हलधर नाग को सम्मानित करते हुए गले लगा लिया।

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राष्ट्रीय जनजाति महोत्सव में बस्तर बैंड ने शानदार प्रस्तुति दी, इस दौरान CM भूपेश बघेल कार्यक्रम मंच पर थिरकते हुए दिखाई पड़े, CM ने डोल पर थाप भी लगाई। साथ ही मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम औऱ मंत्री अमरजीत भगत भी मौजूद रहे।<<*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*>>

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बता दें कि तीन दिवसीय महोत्सव की शुरूआत आज से हो रही है, 21 अप्रैल को कार्यक्रम का समापना राज्यपाल अनुसुइया उईके करेंगी। इस कार्यक्रम में कई राज्यों से साहित्यकार और कलाकार शामिल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि ओड़ीसा के कोसली भाषा के कवि एवं लेखक, ‘लोककवि रत्न’ के नाम से प्रसिद्ध हलधर नाग को भारत सरकार द्वारा 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उनके बारे में विशेष बात यह है कि उन्हें अपनी लिखी सारी कविताएँ और 20 महाकाव्य कण्ठस्थ हैं। हलधर नाग ने कभी किसी भी तरह का जूता या चप्पल नहीं पहना है। वे बस एक धोती और बनियान पहनते हैं। वो कहते हैं कि इन कपड़ो में वो अच्छा और खुला महसूस करते हैं।

हलधर का जन्म 1950 में ओडिशा के बरगढ़ में एक गरीब परिवार में हुआ था। जब वे 10 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु के साथ हलधर का संघर्ष शुरू हो गया। तब उन्हें मजबूरी में तीसरी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा। घर की अत्यन्त विपन्न स्थिति के कारण मिठाई की दुकान में बर्तन धोने पड़े। दो साल के बाद गाँव के सरपंच ने हलधर को पास ही के एक स्कूल में खाना पकाने के लिए नियुक्त कर लिया जहां उन्होंने 16 वर्ष तक काम किया। जब उन्हें लगा कि उनके गाँव में बहुत सारे विद्यालय खुल रहे हैं तो उन्होंने एक बैंक से सम्पर्क किया और स्कूली बच्चों के लिए स्टेशनरी और खाने-पीने की एक छोटी सी दुकान शुरू करने के लिए 1000 रुपये का ऋण लिया।

1990 में हलधर ने पहली कविता “धोधो बारगाजी” (अर्थ : ‘पुराना बरगद’) नाम से लिखी जिसे एक स्थानीय पत्रिका ने छापा और उसके बाद हलधर की सभी कविताओं को पत्रिका में जगह मिलती रही और वे आस-पास के गाँवों से भी कविता सुनाने के लिए बुलाए जाने लगे। लोगों को हलधर की कविताएँ इतनी पसन्द आई कि वो उन्हें “लोक कविरत्न” के नाम से बुलाने लगे।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com