ACB and EOW team recorded statements in jail

शराब, कोयला और महादेव सट्टा एप के आरोपियों से 10 घंटे पूछताछ, जेल में ACB और EOW की टीम ने दर्ज किए बयान

ACB and EOW team recorded statements in jail: करीब 10 घंटे तक शराब और कोल घोटाले के साथ ही महादेव एप सट्टेबाजी केस में बंद आरोपियों से पूछताछ कर अधिकारियों ने उनके बयान अपने साथ लाए लैपटाप में दर्ज किए।

Edited By :   Modified Date:  March 29, 2024 / 11:13 PM IST, Published Date : March 29, 2024/11:13 pm IST

ACB and EOW team recorded statements in jail: रायपुर। विशेष कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार सुबह 10 बजे एसीबी और ईओडब्ल्यू की छह सदस्यीय टीम रायपुर सेंट्रल जेल में पहुंची। यहां करीब 10 घंटे तक शराब और कोल घोटाले के साथ ही महादेव एप सट्टेबाजी केस में बंद आरोपियों से पूछताछ कर अधिकारियों ने उनके बयान अपने साथ लाए लैपटाप में दर्ज किए।

तीनों केस के आरोपियों से  हुई पूछताछ

रात आठ बजे जेल से बाहर निकले अधिकारियों ने आरोपियों से किन-किन बिंदुओं पर पूछताछ की गई, इसकी अधिकृत तौर पर कोई जानकारी नहीं दी। लेकिन इतना जरूर कहा कि तीनों केस के आरोपियों से पूछताछ हुई है और यह सिलसिला दो अप्रैल तक जारी रहेगा। शराब घोटाले मामले में जेल में बंद ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह, महादेव सट्टेबाजी में निलंबित एएसआइ चंद्रभूषण वर्मा, कार चालक असीम दास, निलंबित कांस्टेबल भीम यादव, सतीश चंद्राकर और कोयला घोटाला मामले में समीर बिश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, सुनील अग्रवाल, नायर आदि से पूछताछ की गई।

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जमानत पर बाहर अनवर ढेबर समेत अन्य से की जाएगी पूछताछ

अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जमानत पर बाहर अनवर ढेबर समेत अन्य से पूछताछ की जाएगी। इन तीनों मामलों में जेल में बंद आरोपितों से पूछताछ के बाद एसीबी की जांच व कार्रवाई में तेजी आने की उम्मीद है।बता दें की एसीबी ने कोयला, शराब और महादेव सट्टेबाजी केस में पिछले दिनों एफ़आइआर दर्ज की थी। इन सभी मामलों में ईडी की ओर से प्रतिवेदन दिया गया था।

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ईडी की ओर से एसीबी को भेजे प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया था कि पीएमएलए के तहत उपरोक्त मामलों में कार्यवाही की गई है। ईडी के अनुसंधान में इन प्रकरणों में आइपीसी की विभिन्न धाराओं तथा लोकसेवकों द्वारा गड़बड़ी के पुष्ट संकेत मिले हैं, अतः नियमों के अनुसार यह प्रतिवेदन एसीबी को प्रेषित है, ताकि उपयुक्त धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर आवश्यक अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।