रायपुर: Police kill which big Naxalite नक्सलवाद, जिसकी आग में बस्तर दशकों से झुलस रहा है। हर बार ये दावा किया जाता है कि बस्तर की शांति और विकास में बाधक नक्सलियों को जड़ उखाड़ फेंका जाएगा। लेकिन नक्सली हर बार नई रणनीति के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में सफल साबित होते हैं। लेकिन भूपेश सरकार के तीन साल के कार्यकाल में बस्तर में नक्सलियों के पांव उखड़े हैं। उनके अड्डे उजड़ रहे हैं और अब नक्सली केवल कोर सेक्टर तक ही सिमटकर रह गए हैं। ये कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का। नए साल के मौके पर मुख्यमंत्री ये भी संकल्प लिया कि जल्द ही प्रदेश से लाल आतंक का सफाया होगा। सीएम के बयान के बाद विपक्ष एक बार फिर हमलावर है।
Police kill which big Naxalite जी हां नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर हुंकार भरी है। नए साल की शुरूआत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकल्प लिया है कि लाल गैंग की सफाया के लिए उनकी सरकार ढृढ़संकल्पित है। वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि भूपेश सरकार के अब तक कार्यकाल में बस्तर में नासूर बन चुके नक्सल हिंसा में कमी आई है और उन इलाकों में सरकारी योजनाओं की पहुंच है, जो कभी नक्सलियों का हार्डकोर जोन माना जाता रहा है। एक वक्त था जब लोग दरभा घाटी से आगे जाने से डरते थे, आज कोंटा तक पहंच रहे हैं। हालांकि अभी भी अबूझमाड़ के बड़े इलाके में नक्सलियों का कब्जा है। लेकिन नए साल भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि नक्सलियों के मांद में घुसकर अभियान चलाया जाएगा।
Read More: जनवरी के अंतिम सप्ताह में पीक पर होगा कोरोना का संक्रमण, रोजाना मिलेंगे 10 लाख तक नए मरीज
बस्तर को नक्सलमुक्त करने मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर है दिया कि बिना खून बहाए नक्सलियों का सफाया हो। राज्य सरकार के प्रयास और फोर्स के बढ़ते दबाव का ही नतीजा है कि 2020 की तुलना में साल 2021 में नक्सल हिंसा में 42 % की गिरावट आई है। अलग-अलग ऑपरेशन में 45 से ज्यादा नक्सली ढेर हुए। जबकि 500 से ज्यादा नक्सलियों ने फोर्स के बढ़ते दबाव के बाद सरेंडर किया। लाल गलियारे में फोर्स के बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली अब ग्रामीणों को मोहरा बनाकर चाल चल रहे हैं। बावजूद इसके साल भर में बस्तर संभाग में 15 नए पुलिस कैंप खोले गए हैं।
Read More: महिला का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पुलिसकर्मी गिरफ्तार
इधर, सरकार का दावा है कि उनके कार्यकाल में अंदरूनी इलाकों में हो रहा विकास, नक्सलियों को बैकफुट पर ले जा रहा है। हालांकि विपक्ष सरकार के इन दावों से इत्तेफाक नहीं रखता। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल पूछा कि दूसरे राज्यों की पुलिस छत्तीसगढ़ आकर बड़े नक्सलियों को मार गिराती है मगर छत्तीसगढ़ पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर पाती? मुख्यमंत्री जी ये बताएं कि छ्त्तीसगढ़ पुलिस ने किस बड़े नक्सली को कब मारा है? बृजमोहन अग्रवाल ने ये भी दावा किया कि कांग्रेस के राज में नक्सलियों के हौसले पस्त नहीं बुलंद होते जा रहे हैं।
Read More: खेल में भाग ले रहे 35 खिलाड़ी हुए कोरोना पॉजिटिव, सभी को किया गया आइसोलेट
कुल मिलाकर 2021 में सुकमा में हुए नक्सली घटना को छोड़ दिया जाए तो पूरे साल नक्सली बैकफुट पर ही नजर आए। लेकिन नक्सली अब केवल कोर सेक्टर में ही मौजूद हैं और उनके हौसले पस्त हो गए है, ये कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। क्योंकि ये नक्सलियों की रणनीति का हिस्सा रहा है कि वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले खामोश रहते हैं। बहरहाल नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र और राज्य दोनों ही लगातार सक्रिय है। बीते दिनों केंद्रीय आंतरिक सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार और डीजीपी अशोक जुनेजा भी बस्तर संभाग का दौरा कर चुके हैं। ऐसे में उम्मीद तो यही है कि नए साल में प्रदेश के मुखिया ने जो संकल्प लिया है वो जल्द साकार होगा और दशकों से नक्सल हिंसा का दंश झेल रहे बस्तर नई सुबह देखेगा।
मुंबई की छह लोकसभा सीट में से तीन पर शिवसेना…
8 hours agoसलमान के घर के बाहर गोलीबारी : आरोपी ने हवालात…
9 hours agoशिवसेना ने नरेश म्हस्के को ठाणे से और हेमंत गोडसे…
10 hours ago