संविलियन अधिकार मंच को मिल रहा मंत्री, विधायकों का साथ, आगामी बजट सत्र से जुड़ी उम्मीदें | Minister, legislators are getting support of the shikshkarmies of chhattisgarh

संविलियन अधिकार मंच को मिल रहा मंत्री, विधायकों का साथ, आगामी बजट सत्र से जुड़ी उम्मीदें

संविलियन अधिकार मंच को मिल रहा मंत्री, विधायकों का साथ, आगामी बजट सत्र से जुड़ी उम्मीदें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : January 10, 2020/6:14 am IST

रायपुर, छत्तीसगढ़। प्रदेश में संविलियन अधिकार मंच अपने लगातार प्रयासों को लेकर छाया हुआ है और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे जुड़े शिक्षाकर्मी स्कूलों की पढ़ाई ठप्प करने के बजाए नए तरीकों से ही अपने अभियानों को दिशा दे रहे हैं जिसमें उन्हें खुलकर सरकार में शामिल विधायकों, मंत्रियों का साथ मिल रहा है।

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बजट सत्र में शिक्षाकर्मियों को संविलियन पाने में सफलता हाथ लगती है या नहीं यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन मंत्रियों और विधायकों का साथ पाने में संविलियन अधिकार मंच को अवश्य कामयाबी हाथ लग रही है । यही कारण है कि विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री को स्वयं पत्र लिखकर शिक्षाकर्मियों के संविलियन हेतु निवेदन कर रहे हैं जो कि उनके अभियान की सफलता को दर्शाता है ।

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बजट सत्र से पहले सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग अब जोर पकड़ने लगी है इसी मांग को लेकर संविलियन अधिकार मंच के बैनर तले प्रदेश संयोजक विवेक दुबे के द्वारा तय की गई रणनीतिनुसार बस्तर जिला संयोजक प्रकाश महापात्र के नेतृत्व मे प्रतिनिधि मंडल ने बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल से उनके जगदलपुर निवास में मुलाकात किया और उन्हें अपनी समस्याओं और मांग से अवगत कराया । प्रतिनिधि मंडल ने विधायक से आने वाले बजट सत्र में संविलियन से वंचित सभी शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन की एकसूत्रीय मांग रखी।

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शिक्षाकर्मियों ने बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण अध्यक्ष व बस्तर विधायक को बताया कि प्रदेश में जनवरी के बाद संविलियन से वंचित मात्र 15-16 हजार शिक्षाकर्मी बचे हैं जिनका सरकार आसानी से इस बजट सत्र में संविलियन कर सकती है। वर्तमान में संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों की दुर्दशा दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, न तो उन्हें समय पर वेतन मिल रहा है न बीते तीन साल से महंगाई भत्ता और न ही तबादले की भी कोई व्यवस्था है। ऐसे में शिक्षाकर्मी लगातार समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन सब समस्याओं का एकमात्र हल शिक्षाकर्मियों का संविलियन ही है साथ ही शासन द्वारा नियमित नियुक्ति यदि उनके संविलियन से पूर्व होती है तो पूर्व से कार्यरत शिक्षाकर्मियों की वरिष्ठता भी प्रभावित होगी।

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इस मामले में माननीय विधायक महोदय ने उक्त विषय की गंभीरता को देखते हुए आगामी बजट बजट 2020-21 में शिक्षाकर्मियों के सम्पूर्ण संविलियन की मांग को उचित माना। माननीय पंचायत मंत्री  टी.एस. सिंहदेव व माननीय मुख्यमंत्री जी से इस विषय पर चर्चा करने की बात कही एवं संविलियन अधिकार मंच की मांग पत्र को स्वीकारते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी को अनुशंसा पत्र प्रेषित किया।
प्रतिनिधिमंडल में देवेंद्र सोनी, प्रदीप टेम्भूरकर, जिवेंद्र मगर, सुखचंद बघेल, शत्रुघ्न केराम, मेघनाथ ध्रुव, बुधेश्वर नेताम, वर्षारानी टंडन, दशरथ कश्यप, हरिराम बघेल, बी श्रीनिवास राव, पुरषोत्तम पांडेय, फूलधर शोरी, सरस्वती बघेल शामिल थे।

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