राजनांदगांव । शहर के पद्मश्री गोंविदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में स्थायी कृषिगत उत्पादन हेतु जैविक खेती पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को रासायनिक खेती की बजाए जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। वैज्ञानिकों को छत्तीसगढ़ नरवा, गरवा, घूरवा, बारी जैसी योजनाओं से जुड़कर वर्ष भर आमदनी के गुण भी बताये। दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान किसानों को रसायनिक खेती से होने वाले नुकसान और अधिक खर्च का आंकलन करके बताया गया। वहीं जैविक खेती से कम लागत में बेहतर पैदावार के साथ ही शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी किसानों को दी गई।
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दो दिवसीय कार्यशाला में डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू, कृषि वैज्ञानिकों के साथ बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, पं शिव कुमार शास्त्री महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र राजनांदगांव के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यशाला में जनप्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।