नई दिल्ली : America removed India from currency monitoring list : यूएस ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन के भारत दौरे के बीच भारत से मधुर संबंध का दावा करने वाले अमेरिका ने भारत को एक बड़ा झटका दिया है। अमेरिका के इस कदम से सभी देश हैरान है। अमेरिका ने भारत के साथ साथ कई और देशों को झटका दिया है। अमेरिका के इस कदम के बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
दरअसल, अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने भारत कोअपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से बाहर कर दिया है। भारत के अलावा अमेरिका ने इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को भी इस सूची से बाहर कर दिया है। भारत पिछले दो सालों से अमेरिका की करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट में था।
America removed India from currency monitoring list : इन देशों के साथ ही अमेरिका ने शुक्रवार को भारत को अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मुद्रा निगरानी सूची से बाहर कर दिया। ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को दी गई अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया। गौरतलब है कि किसी देश की फॉरेन एक्सचेंज पॉलिसी पर संदेह होने पर अमेरिका उसे निगरानी सूची में डाल देता है।
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America removed India from currency monitoring list : अमेरिका द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब यूएस ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन नई दिल्ली के दौरे पर हैं। अपने दिल्ली दौरे पर उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात और वार्ता भी की। येलेन की भारत यात्रा से पहले अक्टूबर में भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका गई थीं। उन्होंने अमेरिकी वित्त मंत्री येलेन के साथ वर्तमान वैश्विक आर्थिक हालात पर चर्चा की थी।
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America removed India from currency monitoring list : गौरतलब है कि ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को सौंपी गई अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि वर्तमान में उसकी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट में चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान शामिल हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटा दिया गया है, वे लगातार दो रिपोर्टों के लिए तीन मानदंडों में से केवल एक को पूरा कर पाए हैं।
America removed India from currency monitoring list : रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी मुद्रा विनिमय को प्रकाशित करने में चीन की विफलता और इसकी विनिमय दर तंत्र की प्रमुख विशेषताओं के आसपास पारदर्शिता की व्यापक कमी के कारण इस पर ट्रेजरी की निगरानी की जरूरत है। वहीं, इसमें बताया गया है कि स्विट्ज़रलैंड ने एक बार फिर तीनों मानदंडों के लिए बनाए गए पैरामीटर को पार कर लिया है।
America removed India from currency monitoring list : ट्रेजरी सचिव येलन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से ही यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और उससे पहले COVID-19 की वजह से आपूर्ति और मांग में असंतुलन से निपट रही थी। इन दोनों वजहों के कारण ही खाद्य, उर्वरक और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि हुई है। इसके कारण वैश्विक मुद्रास्फीति और खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है।
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