Chandrayaan 3 in Nehru Planetarium

Chandrayaan 3 in Nehru Planetarium: बस कुछ घंटों का इंतजार.., चंद्रयान-3 की लैंडिग को लेकर नेहरू प्लानेटोरियम में खास तैयारी

Chandrayaan 3 in Nehru Planetarium: बस कुछ घंटों का इंतजार.., चंद्रयान-3 की लैंडिग को लेकर नेहरू प्लानेटोरियम में खास तैयारी

Edited By :   Modified Date:  August 23, 2023 / 11:16 AM IST, Published Date : August 23, 2023/11:16 am IST

Chandrayaan 3 in Nehru Planetarium: भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान-3 आज शाम को चंद्रमा की सतह पर लैंड करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। चंद्रयान-3 ने सारे देश को एक कर दिया है। मंदिरों में प्रार्थना और यज्ञ हो रहा है। मस्जिदों में दुआ मांगी जा रही है। सारा देश चंद्रयान-3 को लेकर उत्साहित हैं। चंद्रयान-3 की लैंडिग पर बुधवार को जवाहर लाल नेहरू प्लानेटोरियम में विशेष तैयारी की गई है। इसके तहत बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े दस बजे तक यानि 30 घंटे का मून साइंस पर मीडिया के लिए विशेष शो रखा गया है।

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शो के माध्यम से चंद्रयान-2 समेत अब तक भारत के चंद्र अभियान के बारे में बताया जाएगा। आम लोगों के लिए चंद्रमा पर विशेष कार्यक्रम 11 बजे से शुरू होंगे। इसके बाद 11 बजे, 1 बजे, 3 बजे, 5 बजे और 6 बजे तक 2 D और 3D शो होंगे। इसके अलावा प्लानेटोरियम में चंद्रयान-3 से जुड़ी लाइव फीड को दो बड़ी LED स्क्रीन के जरिए आम लोगों को दिखाया जाएगा। इसरो (ISRO) ने बताया है कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है। लैंडर के अंदर एक ‘रोवर’ है।

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इसरो ने यह भी बताया कि चंद्रयान-3 के ‘लैंडर मॉड्यूल’ ने चंद्रयान-2 के ‘ऑर्बिटर’ के साथ संचार शुरू कर दिया है। चंद्रयान-2 आर्बिटर ने औपचारिक रूप से चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘स्वागत है दोस्त! इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा है कि चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया बहुत जटिल है। उन्होंने कहा कि सफल लैंडिंग ग्रहीय अन्वेषण के इसरो के अगले चरण की शानदार शुरूआत करेगा। उन्होंनेबताया कि यह (सॉफ्ट लैंडिंग) एक बहुत जटिल प्रक्रिया है। हम (चंद्रमा की सतह से ऊपर) अंतिम दो किलोमीटर में (चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के दौरान) बहुत करीब से चूक गये थे।

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आपको बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन 2019 में भेजा गया था। इस अंतरिक्षयान में आर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल था। लैंडर के अंदर एक रोवर था। लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे यह मिशन के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा था।

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