नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जानबूझकर यमुना में जलापूर्ति बाधित कर राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को परेशान कर रहे हैं। भारद्वाज ने कहा कि खट्टर को इसका परिणाम भुगतना होगा।
दिल्ली को इस समय 6.5 करोड़ गैलन पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है। भारद्वाज ने कहा कि उत्तर, उत्तर पश्चिमी, दक्षिण, मध्य दिल्ली और नई दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “हम हरियाणा सरकार के अधिकारियों से बात कर रहे हैं लेकिन मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं। यह उनके इरादों को प्रदर्शित करता है। ” भारद्वाज ने कहा, “हरियाणा यमुना में कम पानी छोड़ रहा है और नदी सूख गई है। खट्टर के इरादे नेक होते तो उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया होता। इससे स्पष्ट है कि वह दिल्ली के लोगों को जानबूझकर परेशान कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि खट्टर को इसके परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि हरियाणा के बहुत से लोग दिल्ली में रहते और काम करते हैं जो पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। खट्टर ने मंगलवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर मामले का राजनीतिकरण करने और गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं, राजनीति कर रहे हैं और गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं। तथ्य यह है कि उन्हें उनके हिस्से का पानी दिया जा रहा है। उन्हें 1,050 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है।”
दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि शहर में पानी की आपूर्ति छह से सात प्रतिशत घट गई है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद हरियाणा सरकार दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं दे रही है।
भाषा यश पवनेश
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