नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार को पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील माथेरान क्षेत्र में हाथ से खींचने वाले रिक्शों के स्थान पर पारिस्थितिकी अनुकूल ई-रिक्शा की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए प्रयोग के आधार पर उसे चलाने का निर्देश दिया ।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ एक ऐसे आवेदन पर सुनवाई कर रही है जिसमें रायगढ़ जिले के करजात तहसील में पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील माथेरान क्षेत्र में पारिस्थितिकी अनुकूल ई-रक्शा के परिचालन की अनुमति मांगी गयी है।
न्यायमूर्ति राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा, ‘‘ सरकार विनिर्माताओं के साथ चर्चा कर रही है तथा विस्तृत अध्ययन के बाद राज्य ने प्रयोग के आधार पर पारिस्थितिकी अनुकूल ई -रिक्शा शुरू करने का प्रस्ताव रखा है…. राज्य सरकार को व्यवहार्यता क पता लगाने के लिए कुछ ई-रिक्शा शुरू करने की अनुमति दी जाती है। ’’
शीर्ष अदालत ने इस क्षेत्र में हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शों के चलने पर स्तब्धता प्रकट की और कहा , ‘‘ कल्पना कीजिए कि अब 2022 में भी हम 2-3 सवारियों वाले रिक्शे को इंसान द्वारा और वह भी पहाड़ी क्षेत्र में खींचते हुए देखते हैं।’’
भाषा राजकुमार नरेश
नरेश
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