कश्मीर में आतंकियों के इरिडियम सैटेलाइट फोन, थर्मल इमेजिंग उपकरण इस्तेमाल करने के संकेत मिले |

कश्मीर में आतंकियों के इरिडियम सैटेलाइट फोन, थर्मल इमेजिंग उपकरण इस्तेमाल करने के संकेत मिले

कश्मीर में आतंकियों के इरिडियम सैटेलाइट फोन, थर्मल इमेजिंग उपकरण इस्तेमाल करने के संकेत मिले

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : April 17, 2022/3:04 pm IST

(सुमीर कौल)

श्रीनगर, 17 अप्रैल (भाषा) अफगानिस्तान में अमेरिका नीत गठबंधन बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए इरिडियम सैटेलाइट फोन और खासकर रात में सुरक्षाबलों की घेराबंदी से आतंकवादियों को बचाने में मदद करने वाले वाई-फाई सक्षम ‘थर्मल इमेजरी’ उपकरणों के इस्तेमाल के 15 संकेत कश्मीर घाटी में पाए गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि फरवरी के महीने से साइबर क्षेत्र में इरिडियम सैटेलाइन फोन इस्तेमाल किए जाने के कुछ संकेत पाए गए हैं। ये शुरुआत में उत्तरी कश्मीर में पाए गए थे और अब दक्षिणी कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी मिले हैं।

अधिकारियों ने कहा कि ये सैटेलाइट फोन अफगानिस्तान से जाते समय गठबंधन दलों द्वारा छोड़ी गई खेप का हिस्सा हो सकते हैं या इन्हें तालिबान या वहां लड़ रहे लड़ाकों ने छीन लिया होगा।

उन्होंने कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन फोन की गतिविधि पर विशेष नजर रखी जा रही है और उनका इस्तेमाल कर रहे लोग जल्द ही कार्रवाई की जद में आएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) और रक्षा खुफिया एजेंसियों (डीआईए) जैसे निकायों को कश्मीर घाटी में इन सैटेलाइट फोन को खोजने और उनकी मौजूदगी के संबंध में ताजा जानकारी मुहैया कराने का काम सौंपा गया है।

नौवहन महानिदेशालय (डीजीएस) ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद पहले इरिडियम और थुरया सैटेलाइट फोन एवं बुनियादी ढांचे के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया था और इसके बाद 2012 में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।

सामान के रूप में सैटेलाइट फोन लाने वाले यात्रियों को आव्रजन और सीमा शुल्क जांच चौकियों पर पहुंचने के बाद सीमा शुल्क विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है। इसके अलावा, सीमा शुल्क विभाग द्वारा घोषित सैटेलाइट फोन को सरकार के दूरसंचार विभाग से मिली उपयोग की अनुमति दिखाने के बाद मंजूरी दी जाती है।

अधिकारियों ने बताया कि कुछ मुठभेड़ स्थलों से वाई-फाई से जोड़े जा सकने वाले थर्मल इमेजिंग उपकरणों के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं।

ये उपकरण पाकिस्तानी सेना के पास नहीं हैं और संभवत: अफगानिस्तान से कश्मीर में लाए गए हैं। इनका इस्तेमाल आतंकवादी खासकर रात में तलाश अभियान एवं घेराबंदी से बचने के लिए करते हैं।

संबंधित उपकरण सुरक्षाबलों के शरीर से उत्पन्न ऊष्मा से उनके निकट आने की जानकारी देता है और ठिकाने के बाहर के इलाके की सामान्य जानकारी भी मुहैया कराता है।

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षाबल सिग्नल को अवरुद्ध करने के लिए अन्य उपकरणों के साथ अब एहतियात के तौर पर जैमर ले जाते हैं ताकि आतंकवादियों को इलाके से भागने का कोई रास्ता न मिले।

भाषा सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers