BJP's 'Diwali'. By-election riots.. BJP won by 3-1

BJP की ‘Diwali’। उपचुनाव का दंगल.. 3-1 से जीती BJP

BJP's 'Diwali'. By-election riots.. BJP won by 3-1

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : November 2, 2021/11:03 pm IST

भोपालः मध्यप्रदेश में 4 सीटों पर हुए उपचुनाव का दंगल बीजेपी ने 3-1 से जीत लिया है.. बीजेपी ने खंडवा लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा, जबकि जोबट और पृथ्वीपुर विधानसभा सीट भी कांग्रेस से छिनने में सफल रही। हालांकि बीजेपी को अपने गढ़ रैगांव में हार का सामना करना पड़ा। उपचुनाव के नतीजों को बीजेपी जहां अपनी उपलब्धि मानकर चल रही है और शिवराज सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर बता रही है।वहीं दमोह मॉडल फेल होने के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर उपचुनाव में धनबल के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। अब सवाल ये है कि मध्यप्रदश में हुए उपचुनाव नतीजों के मायने क्या है? मिशन 2023 की तैयारी में जुटी बीजेपी-कांग्रेस इससे क्या सबक लेगी।

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मध्य प्रदेश के हुए खंडवा लोकसभा सहित , जोबट पृथ्वीपुर , रेगांव विधानसभा के परिणाम आने के बाद बीजेपी में जश्न का माहौल है , हालाँकि रेगांव सीट जीतकर कांग्रेस भी ज्यादा निराश नहीं है पर इन चुनावों के परिणाम मध्य प्रदेश में भविष्य की राजनीति के संकेत दे रहे है! इन चुनावों में खंडवा लोकसभा में बीजेपी को जीत भले ही मिली हो पिछले चुनाव के मुकाबले यंहा जीत का अंतर् काफी कम रहा जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय है। वही पृथ्वीपुर में बीजेपी ने कांग्रेस के किले सेंध लगाईं है तो जोबट में बीजेपी के लिए बड़ी सफलता लेकर आयी है आदिवासी बहुल इस सीट पर संघ से लेकर बीजेपी संगठन सबकी निगाह थी। लिहाजा इस सीट पर जीत को बीजेपी बड़ी उपलब्धि मानकर चल रही है!

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मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला रहा। इस मुकाबले में कांग्रेस न महंगाई को मुद्दा बना सकी और न ही भारतीय जनता पार्टी अपने मूल कार्यकर्ता की नाराजगी को पूरी तरह समाप्त कर सकी। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सभी उपचुनाव किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं रहे। मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकार और पार्टी का संगठन इन चुनावों को एक युद्ध की तरह लड़ रहा था। वैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की शैली आक्रमक ढंग से चुनाव लड़ने की है। शिवराज चौहान ने अपनी चिर-परिचित रणनीति के तहत भूमिहीन को जमीन देने का मुद्दा जमकर उछाला तो वंही बीजेपी संगठन में प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने भी इन चुनावों में अपनी छाप छोड़ी है।

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उप चुनावों को लेकर के आम धारणा यह है कि अगर सरकार के खिलाफ बहुत ज्यादा प्रदेश नहीं है, असंतोष नहीं है तो रूलिंग पार्टी ही उस सीट पर जीती है. बीजेपी को प्रदेश में मिल रही जीत प्रदेश सरकार के खिलाफ असंतोष के न होने को दर्शा रहा है। हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और अपने दौरे के साथ-साथ उन सभी मंत्रियों और पार्टी के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी थी जिनका उस क्षेत्र में प्रभाव था। इसके साथ ही साथ बीजेपी ने प्रभावशाली ढंग से घर-घर जाकर वोटरों से संपर्क किया और नेताओं के साथ-साथ आपने कार्यकर्ताओं को भी मैदान में उतारा था। लिहाजा पीएम मोदी के दौरे से पहले बीजेपी के लिए तीन सीटों पर जीत किसी तोहफे से कम नहीं है वंही 35 साल बाद रेगांव में कांग्रेस की जीत सांत्वना पुरष्कार जरूर कहा जा सकता है!