पेट्रोल 75 रुपए, डीजल 68 रुपए प्रति लीटर!, GST के दायरे में आने से दाम में होगा बड़ा बदलाव | Bringing petrol, diesel into GST can bring down prices to Rs 75,68 a litre: SBI Economist

पेट्रोल 75 रुपए, डीजल 68 रुपए प्रति लीटर!, GST के दायरे में आने से दाम में होगा बड़ा बदलाव

पेट्रोल 75 रुपए, डीजल 68 रुपए प्रति लीटर!, GST के दायरे में आने से दाम में होगा बड़ा बदलाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : March 4, 2021/1:08 pm IST

मुंबई: पेट्रोल को यदि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव इस समय भी कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है। एसबीआई इकोनोमिस्ट ने बृहस्पतिवार को एक विश्लेषणात्मक रपट में यह बात प्रस्तुत की। केंद्र और राज्य स्तरीय करों और कर-पर-कर के भारत से भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम दुनिया में सबसे उच्चस्तर पर बने हुये हैं। जीएसटी में लाने पर डीजल का दाम भी कम होकर 68 रुपये लीटर पर आ सकता है।

Read More: भाजपा नेताओं ने रोका किसान सम्मेलन में जा रहे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का काफिला, दोनों दल के कार्यकर्ता हुए आमने-सामने

ऐसा होने से केन्द्र और राज्य सरकारों को केवल एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा जो कि जीडीपी का 0.4 प्रतिशत है। यह गण्ना एसबीआई इकोनोमिस्ट ने की है जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम को 60 डालर प्रति बैरल और डालर- रुपये की विनिमय दर को 73 रुपये प्रति डालर पर माना गया है।

Read More: ‘एक और नरेन’ पीएम मोदी के जीवन पर बनेगी फिल्म, मुख्य भूमिका में नजर आएंगे ये एक्टर, 12 मार्च को शुरू होगी शूटिंग

वर्तमान में प्रतयेक राज्य पेट्रोल, डीजल पर अपनी जरूरत के हिसाब से मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाता है जबकि केन्द्र इस पर उत्पाद शुल्क और अन्य उपकर वसूलता है। इसके चलते देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर तक पहुंच गये हैं। ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों पर ऊंची दर से कर को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है जिसकी वजह से ईंधन महंगा हो रहा है।

Read More: ससुर-बहू का ये कैसा इश्क, 16 माह के मासूम की चढ़ा दी बलि, लंबे समय से दोनों के बीच था अवैध संबंध

एसबीआई इकोनोमिस्ट ने कहा कि जीएसटी प्रणाली को लागू करते समय पेट्रोल, डीजल को भी इसके दायरे में लाने की बात कही गई थी लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। पेट्रोल, डीजल के दाम इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत लाने से इनके दाम में राहत मिल सकती है। उनका कहना है कि, ‘‘केन्द्र और राज्य सरकारें कच्चे तेल के उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की इच्छुक नहीं है क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर, वैट आदि लगाना उनके लिये कर राजस्व जुटाने का प्रमुख स्रोत है। इस प्रकार इस मामले में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है जिससे कि कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता है।’’

Read More: विधानसभा की लोकलेखा समिति गठित, ब्रजेन्द्र सिंह राठौर सभापति चुने गए

कच्चे तेल के दाम और डालर की विनिमय दर के अलावा इकोनोमिस्ट ने डीजल के लिये परिवहन भाड़ा 7.25 रुपये और पेट्रोल के लिये 3.82 रुपये प्रति लीटर रखा है, इसके अलावा डीलर का कमीशन डीजल के मामले में 2.53 रुपये और पेट्रोल के मामले में 3.67 रुपये लीटर मानते हुये पेट्रोल पर 30 रुपये और डीजल पर 20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से उपकर और 28 प्रतिशत जीएसटी की दर से जिसे केन्द्र और राज्यों के बीच बराबर बांटा जायेगा, इसी आधार पर इकोनोमिस्ट ने अंतिम मूल्य का अनुमान लगाया है। इसमें कहा गया है कि सालाना डीजल के मामले में 15 प्रतिशत और पेट्रोल के मामले में 10 प्रतिशत की खपत वृद्धि के साथ यह माना गया है कि जीएसटी के दायरे में इन्हें लाने से एक लाख करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है।

Read More: सर्जरी के बाद अमिताभ ने कविता पोस्ट की, ‘‘दृष्टि हीन हूं, दिशाहीन नहीं’’

 

 
Flowers