किसान आंदोलन : सर्द रात, सुबह बूंदाबांदी भी तोड़ नहीं पायी गाजीपुर बार्डर पर किसानों के हौसले | kisan andolan Chilly night, morning drizzle also did not break the farmers on Ghazipur border

किसान आंदोलन : सर्द रात, सुबह बूंदाबांदी भी तोड़ नहीं पायी गाजीपुर बार्डर पर किसानों के हौसले

किसान आंदोलन : सर्द रात, सुबह बूंदाबांदी भी तोड़ नहीं पायी गाजीपुर बार्डर पर किसानों के हौसले

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : February 4, 2021/8:36 pm IST

गाजीपुर, (भाषा) दिल्ली-उत्तरप्रदेश सीमा पर कड़ी सुरक्षा वाले प्रदर्शन स्थल गाजीपुर बार्डर पर सैकड़ों किसान सर्द रात और बृहस्पतिवार सुबह हुई बूंदाबांदी के बीच केंद्र के नये कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर डटे रहे।

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नवंबर से आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर यह आंदोलन इस साल अक्टूबर तक चलेगा और ग्रामीण इसका समर्थन करेंगे।

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उन्होंने छह फरवरी के प्रस्तावित चक्का जाम के बारे में बताते हुए गाजीपुर, टीकरी और सिंघू बॉर्डर की किलेबंदी करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए पत्रकारों से कहा, “ दिल्ली में हम कुछ नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने खुद किले-बंदी कर रखी है, हमारे चक्का जाम करने की जरूरत ही नहीं है।“

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उन्होंने कहा कि चक्का जाम दिल्ली में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य हिस्सों में होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान शामिल है। उन्होंने कहा कि तीन घंटे का चक्का जाम होगा। इस दौरान जिन गाड़ियों को रोका जाएगा, उन्हें खाने को कुछ दिया जाएगा और पानी दिया जाएगा और बताया जाएगा कि सरकार उनके साथ क्या कर रही है।

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टिकैत ने कहा कि किसान सरकार की सभी कीलें उखाड़ देंगे और एक-एक करके प्रदर्शन स्थल के बाहर लगाई गई कीलों को भी उखाड़ देंगे। प्रदर्शनकारकारियों को कुछ लोगों द्वारा खालिस्तानी और राष्ट्र विरोधी बताने पर बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि यह पुरानी बात है और यह सबके लिए आगे बढ़ने का समय है।

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इस बीच, कई किसानों ने दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के एक हिस्से में अस्थायी तंबू लगा रखे हैं, वहीं कई किसान ट्रैक्टर की ट्रॉलियों में ही आराम कर रहे हैं। सड़क पर बिछायी गयी दरियों पर भी कुछ किसान खुले आसमान के नीचे डटे हुए हैं।

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गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों का अनुमान है कि गाजीपुर में दिन में दो से तीन हजार की भीड़ थी। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की आलोचना के बाद प्रदर्शन स्थल के आसपास की सड़कों से कीलें हटा दी गयी है वहीं दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कीलों का स्थान बदला गया है।

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एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज चैनल से कहा, ‘‘जिस तरह वे कीलें हटा रहे हैं, उसी तरह कानून भी वापस लेंगे।’’ पूर्वी दिल्ली के पुलिस के उपायुक्त (डीसीपी) दीपक यादव ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था पहले की तरह कायम रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी तस्वीरें और वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि गाजीपुर में कीलें निकाली जा रही हैं। लेकिन, इनका स्थान बदला जा रहा है और सीमा पर सुरक्षा इंतजाम यथावत रहेंगे।’’

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