नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश द्वारा दिए गए उस आदेश पर बृहस्पतिवार को हस्तक्षेप करने से मना कर दिया जिसमें दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की ओर से गठित एक समिति द्वारा जारी किए गए एक नोटिस पर रोक लगाई गयी थी।
उक्त नोटिस के जरिये नगर पालिकाओं से कुछ वित्तीय जानकारी मांगी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि वह एकल न्यायाधीश द्वारा 23 दिसंबर 2020 को जारी आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेंगे क्योंकि वह केवल एक अंतरिम निर्देश है।
इसके साथ ही पीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ उप सचिव (समिति) की ओर से दायर याचिका को निरस्त कर दिया।
पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश नौ फरवरी 2021 तक ही प्रभावी था जो कि एकल न्यायाधीश के सामने अगली सुनवाई की तारीख थी।
अदालत ने कहा कि अपील करने वाला उस तारीख पर यहां अपनी दलील दे सकता है।
अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश के सामने अपील में दी गई दलीलें रखी जा सकती हैं जो कानून और मामले के तथ्यों के आधार पर फैसला ले सकता है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने नगर पालिका समिति द्वारा चार दिसंबर 2020 को जारी एक नोटिस को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की थी, जिस पर एकल न्यायाधीश ने फैसला सुनाया था।
एकल न्यायाधीश ने कहा था कि नोटिस के जरिये समिति द्वारा मांगे गए दस्तावेजों के अवलोकन से प्रथम दृष्टया ऐसा लगेगा कि उसकी मंशा एमसीडी के खातों के ऊपर अपना प्रभुत्व स्थापित करने की है।
भाषा यश नीरज
नीरज
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