मुंबई, 11 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर शुक्रवार को राज्य सरकार से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 600 करोड़ से अधिक रुपये के पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाले में गिरफ्तार राकेश और धीरज वधावन को अस्पताल में कई अनधिकृत विशेषाधिकार मिल रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से अगले सप्ताह तक एक हलफनामा दायर करने को कहा है। साथ ही यहां राज्य सरकार द्वारा संचालित केईएम अस्पताल से दोनों आरोपियों की ताजा स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता इरम सैयद को अस्पताल को भी पक्ष बनाने के लिये कहा है। सैयद ने दावा किया कि वधावन परिवार के इन सदस्यों को 2019 में ईडी द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद से समय-समय पर अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राकेश वधावन इस साल अप्रैल से अस्पताल में भर्ती हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में जब वह अस्पताल गईं तो उन्होंने देखा कि राकेश वधावन कारोबारी कामकाज कर रहे हैं और अस्पताल के बिस्तर से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
सैयद ने अदालत से कहा, ”वह केईएम अस्पताल के 11वें तल से कार्यालय चला रहे हैं।”
उन्होंने अपने दावों के समर्थन में तस्वीरें और वीडियो भी पेश किये। सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि राकेश वधावन कोविड-19 से जूझ रहे हैं, इसलिये उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसपर अधिवक्ता सैयद ने कहा कि यदि ऐसा है तो उन्हें एकांतवास या कोविड वार्ड में होना चाहिये था। अदालत याचिका पर अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को करेगी।
भाषा जोहेब दिलीप
दिलीप
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