नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट के बीच अफ्रीकी स्वाइन फ्लू कहर बरपा रहा है। असम के 10 जिलों में 14,465 सुअर मारे जा चुके हैं। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। असम के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा के मुताबिक बीमारी की रोकथाम के लिए किसानों को मरे हुए सूअरों को गहराई में दफनाने की सलाह दे रहे हैं। वहीं आबादी वाले इलाके में सूअर प्रवेश न कर पाएं इसके लिए नहर खोदी गई है।
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उन्होंने कहा कि अगोराटोली रेंज के अंदर छह फुट गहरी और दो किलोमीटर लंबी नहर खोदी गई है ताकि आसपास के गांवों से जंगली सूअर वापस आ सके और घरेलू सूअर पार्क में प्रवेश ने करें। बोरा ने कहा कि राज्य नियमित रूप से केंद्र को स्थिति से अवगत करा रहा है।
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इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पशु चिकित्सा एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पशु को बीमारी से बचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राष्ट्रीय सूअर अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर काम करें।
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एएसएफ असम में सबसे पहले इस वर्ष फरवरी में सामने आया था। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया, ‘संक्रमण छह जिलों से 3 और जिलों माजुली, गोलाघाट और कामरूप मेट्रोपॉलिटन में फैल गया है।’ शुरुआत में राज्य के 6 जिलों डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, धेमाजी, लखीमपुर और बिश्वनाथ जिले में संक्रमण सामने आया था।
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असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और जंगली सूअरों को जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की।
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