ग्रेडिंग के लिए नैक की टीम आने से पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के सामने खड़ी हुई बड़ी परेशानी | Before coming of NAaC team for grading Devi Ahilya University is facing big problem

ग्रेडिंग के लिए नैक की टीम आने से पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के सामने खड़ी हुई बड़ी परेशानी

ग्रेडिंग के लिए नैक की टीम आने से पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के सामने खड़ी हुई बड़ी परेशानी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : March 13, 2019/10:29 am IST

इंदौर। नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल की टीम जल्द ही मध्यप्रदेश के एजुकेशन हब कहलाने वाले इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में निरीक्षण के लिए आने वाली है। ऐसे में यूनिवर्सिटी इस एक बार फिर ए प्लस ग्रेड का सपना संजोए काम कर रहा है। यूनिवर्सिटी में 221 फैकल्टी की नियुक्ति होना अभी बाकी है। साक्षाकार का दौर यूनिवर्सिटी में चल रहा था, लेकिन आचार संहिता के चलते अब साक्षाकार में सलेक्ट हुए प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।

दरअसल यूनिवर्सिटी में पिछले कई सालों से 221 पद खाली हैं। नैक के दौरे तक इसे पूरा करने के लिए यूनिवर्सिटी ने कॉन्ट्रैक्ट फैकल्टी रखने की तैयारी की थी। कई साक्षाकार भी हुए, लेकिन ज्वॉइन कराने के पहले ही आचार संहिता लग गई। अब ऐसे में यूनिवर्सिटी के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। यूनिवर्सिटी के कुलपति अब नैक दौरे से पहले राजभवन और निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर विशेष अनुमति लेने पर विचार कर रहे हैं।

नैक की टीम का विजिट मई और जून में कभी भी हो सकती है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के कारण काम प्रभावित होगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ये जानता है कि मौजूदा फैकल्टी के भरोसे ए प्ल्स मिलना तो दूर ए ग्रेड भी बचाना मुश्किल है। पहले भी जब नैक की टीम देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में आई थी, तब भी प्रोफेसरों की कमी आंकी गई थी। तब जल्द खाली सीटों को भरने का भरोसा दिखाया गया था, लेकिन पहले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के चलते काम प्रभावित हो रहा है। नियुक्ति के साथ ही परीक्षा भी समय से ना होने का खामियाजा यूनिवर्सिटी को भुगतना पड़ सकता है। नैक के दौरे में स्टूडेंट की संख्याओं के साथ ही फैकल्टी को भी देखा जाता है।

यह भी पढ़ें : आईपीएस की फेसबुक पोस्ट, डीजीपी का आदेश- सोशल मीडिया पर सरकारी नीति की आलोचना करने वालों पर होगी

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के चलते मई तक शिक्षकों की नियुक्ति करना मुश्किल दिखाई दे रहा है। प्रोफेसरों और रीडर्स के पदों को भरने के लिए क्या राजभवन और निर्वाचन आयोग विशेष परमिशन दे पाएगा ये देखना होगा और अगर ऐसा नहीं होता है तो भर्ती फिर एक बार अटक सकती है। इसका बुरा असर नैक की रेटिंग पर पड़ेगा।

 
Flowers