उपभोक्ता फोरम ने रेलवे स्टेशन पर लगाया जुर्माना, रिजर्वेशन के बावजूद यात्रियों को करना पड़ा था जनरल बोगी में सफर | Consumer Forum imposed penalty at railway station

उपभोक्ता फोरम ने रेलवे स्टेशन पर लगाया जुर्माना, रिजर्वेशन के बावजूद यात्रियों को करना पड़ा था जनरल बोगी में सफर

उपभोक्ता फोरम ने रेलवे स्टेशन पर लगाया जुर्माना, रिजर्वेशन के बावजूद यात्रियों को करना पड़ा था जनरल बोगी में सफर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : December 3, 2019/6:47 am IST

दुर्ग, छत्तीसगढ़। दुर्ग रेलवे स्टेशन को उपभोक्ता फोरम ने 13,247 रुपए का जुर्माना लगाया है। रिजर्वेशन के बावजूद ट्रेन में कोच नहीं लगाने के बाद ये पेनाल्टी लगाई गई है। आरक्षण करने के बाद यात्रा के दिन ट्रेन में परिवादी और उसकी पत्नी द्वारा आरक्षित कराई गई स्लीपर बर्थ वाले कोच को ट्रेन में नहीं लगाया गया और इसके संबंध में किसी प्रकार की जानकारी या सूचना भी परिवादी को नहीं दी गई, जिसके लिए रेलवे को सेवा में निम्नता का जिम्मेदार मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने रु.13247 हर्जाना लगाया।

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परिवादी रामलखन पांडे एवं उसकी पत्नी प्रभा पांडे ने ट्रेन नंबर 15232 गोंदिया बीजेयू एक्सप्रेस में 3 नवंबर 2017 की यात्रा के लिए आरक्षण करवाया। लेकिन ट्रेन के कोच नंबर एस 4 में दो अलग-अलग बर्थ आबंटित की गई। यात्रा दिनांक को जब ट्रेन दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंची तब उसमें कोच एस 4 नहीं लगाया गया था। ट्रेन में भारी भीड़ थी। ट्रेन में सुविधा के लिए निर्धारित आरक्षण शुल्क देकर टिकट लिया गया लेकिन उन्हें यात्रा के दौरान आरक्षण वाली कोई सुविधा नहीं मिल सकी।

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प्रकरण में पेश प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम ने यह पाया कि रेलवे द्वारा आरक्षण टिकट बुक करते समय प्रत्येक यात्री का मोबाइल नंबर लिया जाता है, जिसमें कॉल द्वारा या एसएमएस से सूचित किया जा सकता था। लेकिन रेलवे ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की। जब परिवादीगण ने यात्रा के लिए आरक्षित श्रेणी की टिकट बुकिंग की थी तो रेलवे की यह जिम्मेदारी बनती थी कि वह उसी स्तर की वैकल्पिक सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था करता लेकिन रेलवे ने आरक्षण शुल्क लेने के बाद भी ट्रेन के सामान्य कोच में यात्रा कराई।

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जिला उपभोक्ता फोरम रेलवे को सेवा में निम्नता का जिम्मेदार मानते हुए रु.13347 हर्जाना लगाया जिसके तहत मानसिक कष्ट की क्षति स्वरूप रु. 6000, शारीरिक पीड़ा की क्षति स्वरूप रु. 6000, यात्रा टिकट की आधी राशि रु.247 तथा वाद व्यय रु.1000 परिवादियों को अदा करने का आदेश दिया गया।

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