नकली नोट-ड्रग्स...नई मंडी! इन कारोबार को रोकने के लिए क्या कर रही है शासन-प्रशासन? | Fake note-drugs...new market! What is the administration doing to stop these businesses?

नकली नोट-ड्रग्स…नई मंडी! इन कारोबार को रोकने के लिए क्या कर रही है शासन-प्रशासन?

नकली नोट-ड्रग्स...नई मंडी! इन कारोबार को रोकने के लिए क्या कर रही है शासन-प्रशासन?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : July 19, 2021/6:10 pm IST

रायपुर: 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने जब 500 और 1000 के पुराने नोट को बैन किया, तो कयास लगाया गया कि देश में जारी नकली नोटों के कारोबार पर लगाम लग जाएगा। लेकिन नोटबंदी के पांच सालों बाद भी नकली नोटों के मिलने का सिलसिला जारी है और छत्तीसगढ़ इन नकली नोटों को खपाने की नई मंडी बन कर उभरा है। बीते कुछ सालों के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं। नकली नोटों के साथ छत्तीसगढ़ नशा कारोबारियों के लिए एक बड़ा डंपिंग जोन बन गया है, तो इन कारोबार के पीछे कौन लोग हैं? नकली नोट और ड्रग्स के कारोबार पर रोक लगाने के लिए शासन-प्रशासन क्या कर रही है?

Read More: एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा गिरफ्तार, अश्लील फिल्म बनाने का है आरोप

भिलाई के हाउसिंग बोर्ड इलाके से बरामद नकली नोटों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ है। दुर्ग पुलिस की मदद से मध्यप्रदेश के राजगढ़ पुलिस ने कार्रवाई कर हाउसिंग बोर्ड इलाके से 54 लाख के नकली नोट और नोट छापने वाला प्रिंटर जब्त किया है। दरअसल राजगढ़ पुलिस ने जीरापुर और आगर से पकड़े गए नकली नोट खपाने वाले आरोपियों की निशानदेही पर भिलाई से विजय सिंह नामक युवक को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक आरोपी एक करोड़ के नकली नोट छापने की तैयारी में था।

Read More: खत्म होगा चंबल अंचल के लोगों का 20 साल का इंतजार? सिंधिया के नागरिक उड्डयन मंत्री बनते ही ग्वालियर Airport की हलचल तेज

आरोपी पहले इंदौर में नकली नोट छापने का कारोबार करता है। 2003 और 2017 में नकली नोट के मामले में गिरफ्तार भी हो चुका है। जाहिर है इंदौर से भागकर विजय भिलाई से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नकली नोटों का नेटवर्क चला रहा था। आंकड़े बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ नकली नोट के जालसाजों का नया गढ़ बन गया है। बीते चार साल में करीब 66 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें कुल 110 आरोपियों से 80 करोड़ से ज्यादा के नकली नोट जब्त किए गए। 2018 से 2021 तक महासमुंद, मुंगेली और दुर्ग जिले से जाली नोट बरामद किए गए है। पुलिस भी मानती है कि सीमावर्ती जिले अंबिकापुर, कवर्धा, राजनांदगांव, महासमुंद और बस्तर में नकली नोट बनाने के कई गैंग सक्रीय है जो अपने नेटवर्क के जरिये छत्तीसगढ़ समेत पडोसी राज्यों में खपाते है। पुलिस को उम्मीद है कि भिलाई से विजय की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में नकली नोट खपाने वाले बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होगा। दूसरी ओर इस मुददे पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत शुरू हो गई है।

Read More: छत्तीसगढ़ में समय से पहले मानसून की दस्तक, लेकिन 18 जिलों में औसत से 7 फीसदी कम बारीश, बढ़ी किसानों की चिंता

न केवल नकली नोट बल्कि गांजा तस्कारों के लिए भी छत्तीसगढ़ एक डपिंग यार्ड बन चुका है। तमाम कड़ाई के बावजूद ओडिशा से सटे महासमुंद जिले में गांजा तस्करी जारी है। पड़ोसी राज्य से गांजे की बड़ी खेप महासमुंद के रास्ते राजधानी रायपुर और दूसरे जिलों तक पहुंचाई जाती है। पुलिस अबतक करीब 10 हजार टन गांजा जब्त कर चुकी है। समय-समय पर पुलिस कार्रवाई की बात करती है, लेकिन सच तो ये कि ब्राउन शुगर, कोकीन और अफीम समेत चरस की खपत भी राज्य बनने के बाद बढ़ गई है।

Read More: फटी रह गई पुलिस की आंखें, जब किराए के मकान में मिला नकली नोटों का जखीरा, अब तक खपा चुके हैं 50 लाख रुपए, एक गिरफ्तार

जाहिर है IBC24 ने बीते दिनों एक महीने से भी ज्यादा वक्त तक राजधानी में फलते-फूलते नशे के कारोबार के खिलाफ मुहिम चलाई थी, जिसका असर भी हुआ और एक्शन भी दिखा। लेकिन चिंता अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। अब देखना है कि शासन-प्रशासन इन घटनाओं को कैसे रोक पाती है?

Read More: तांत्रिक ने सो रहे दंपती पर पेट्रोल डालकर कर दिया आग के हवाले, ऐसे पहुंची पुलिस आरोपी तक

 
Flowers